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ट्राई का फैसला डीटीएच उपभोक्ता और केबल ऑपरेटर्स के हित में नही- सांसद शेवाले
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई दक्षिण मध्य से सांसद राहुल शेवाले ने सोमवार को लोकसभा में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) द्वारा प्रसारण और केवल सेवाओं के लिए बनाए गए नए फ्रेमवर्क पर सवाल खड़े किए। सांसद शेवाले ने लोकसभी में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि ट्राई के नए टैरिफ के अनुसार दर्शकों चैनल्स चुनने की भले ही स्वतंत्रता दी गई है, लेकिन ट्राई के फैसले की मार न केवल केबल ऑपरेटर्स पर पड़ेगी, बल्कि इसका खामियाजा डीटीएच उपभोक्ताओं को भी भुगतना पड़ेगा।
शेवाले ने इस व्यवसाय के गणित को समझाते हुए कहा कि स्टैण्डर्ड डिफिनिशन चैनल का चार्ज हाई डिफिनिशन चैनल से ज्यादा है। इस व्यवसाय में बिजनेस पाटर्नर सिर्फ ब्रॉडकास्टर को माना जाता है न कि केबल ऑपरेटर या एमएसओ को। पे चैनल्स से जो मुनाफा होता है, उसमें सिर्फ 10 फीसद केबल ऑपरेटर और बाकी 80 प्रतिशत पे चैनल्स और 10 प्रतिशत एमएसओ को मिलता है। केबल ऑपरेटर यह व्यवसाय पूरी तरह अपनी लागत से संचालित करते हैं। जबकि चैनल्स की आमदनी विज्ञापन से भी होती है। ऐसे में केबल ऑपरेटर को किराया, कर, रख-रखाव आदि का खर्च 10 प्रतिशत मुनाफे से निकाल पाना असंभव है।
शेवाले ने सरकार के यह बात भी संज्ञान में लाई कि पूरे विश्व में पे चैनल्स पर विज्ञापन प्रदर्शित नहीं किए जाते। इसे देखते हुए ट्राई का यह फैसला ग्राहक और केबल ऑपरेटर के हित में नही है। लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि वह ग्राहक और केबल ऑपरेटर्स के हितलाभ को बढ़ावा देने के लिए निर्देश दें।
Created On :   31 Dec 2018 2:27 PM GMT