कोरोना संदिग्धों के साथ अन्य मरीजों का इलाज - जिला चिकित्सालय के प्राइवेट वार्ड में खिलवाड़

Treatment of other patients with corona suspects - messing in district hospital
कोरोना संदिग्धों के साथ अन्य मरीजों का इलाज - जिला चिकित्सालय के प्राइवेट वार्ड में खिलवाड़
कोरोना संदिग्धों के साथ अन्य मरीजों का इलाज - जिला चिकित्सालय के प्राइवेट वार्ड में खिलवाड़

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिला चिकित्सालय के प्राइवेट वार्ड भर्ती मरीजों के साथ अस्पताल प्रबंधन खिलवाड़ कर रहा है। यहां दो कमरों (रूम नंबर 12 व 13) में बनाए गए कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया जाता है, लेकिन उनके लिए अलग से स्टाफ नहीं है। जो स्टाफ प्राइवेट वार्ड के अन्य मरीजों को देखते हैं, वहीं कोरोना संदिग्ध मरीजों का भी इलाज करते हैं। जबकि प्राइवेट वार्ड में अधिकतर मरीज सीजर डिलेवरी वाले रहते हैं। जिनमें संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है। 
यहां भर्ती कोरोना संदिग्ध 33 वर्षीय युवक की रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव आई है। वह चार दिन पहले बुधवार को हॉस्पिटल में इलाज के लिए आया था। बुधवार को ही कोरोना टेस्ट कराया गया और कोविड वार्ड में ही भर्ती कर दिया गया। तीन दिन तक यहां कार्यरत स्टाफ अन्य मरीजों की तरह ही उसको भी बॉटल, इजेक्शन लगाने का काम करता रहा। शनिवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन उसे अटेंड करने वाले स्टाफ की न तो जांच कराई गई और न ही क्वारेंटीन किया गया। 
वर्तमान में एक संदिग्ध भर्ती
जिला चिकित्सालय में बनाए गए कोविड वार्ड के दो रूम में दो-दो बेड हैं। एक रूम पुरुष मरीजों के लिए है, जबकि दूसरा महिला मरीजों के लिए। यहां वर्तमान में एक 26 वर्षीय कोरोना संदिग्ध महिला भर्ती है। उसे शनिवार को ही भर्ती कराया गया है। शनिवार को ही कोरोना जांच भी कराई गई है, अभी रिपोर्ट नहीं आई है। उसको सांस लेने में तकलीफ है। दूसरी ओर प्राइवेट वार्ड में इस समय 16 अन्य मरीज भर्ती हैं। इनमें अधिकतर सीजर डिलेवरी के केस हैं, जिसके साथ नवजात शिशु भी हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर बरती जा रही लापरवाही भारी पड़ सकती हैं। 
एक शिफ्ट में तीन लोगों की ड्यूटी
जिला चिकित्सालय के प्राइवेट वार्ड में कुल छह नर्स और तीन वार्ड ब्वाय हैं। इनकी तीन शिफ्ट में ड्यूटी रहती है। पहले शिफ्ट में दो नर्स और एक वार्ड ब्वाय रहता है। जबकि दोपहर और रात की शिफ्ट में एक नर्स और एक वार्ड ब्वाय की ड्यूटी रहती है। प्राइवेट वार्ड में भर्ती मरीजों को यही अटेंड करते हैं। यही लोग बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के कोरोना संदिग्ध मरीजों को भी देखते हैं। इसके अलावा दवा लेने के लिए ये लोग स्टोर रूम, फाइल लेकर डॉक्टर के पास और डॉक्टर को बुलाने के लिए अन्य वार्डों में भी जाते हैं। अगर एक भी कर्मचारी संक्रमित हुआ तो वह पूरे हॉस्पिटल को संक्रमित कर सकता है।
इनका कहना है 
आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना संदिग्ध मरीजों के लिए अलग से स्टाफ नहीं है, क्योंकि अतिरिक्त स्टाफ नहीं है। इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जो स्टाफ उनको अटेंड करे वह पीपीई किट में जाए। 
-वीएस बारिया, सिविल सर्जन 
 

Created On :   24 Aug 2020 6:31 PM IST

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