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2 अगस्त से शुरु होंगे आदिवासी आश्रम स्कूल, वैक्सीन न लगवाने वाले शिक्षकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार का आदिवासी विकास विभाग कोरोना का टीका लगवाने में लेटलतीफी करने वाले आश्रम स्कूलों के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को लेकर सख्त हो गया है। राज्य के आदिवासी इलाकों के कोविड मुक्त क्षेत्रों में अनुदानित आश्रम स्कूल, एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों की कक्षा 8 वीं से 12 वीं तक की कक्षाएं 2 अगस्त से शुरू होंगी। सरकार के आदिवासी विकास विभाग ने 26 जुलाई को इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। यह शासनादेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर जिन शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने कोरोना का कम से कम एक टीका नहीं लगवाया होगा उन्हें बिना वेतन के छूट्टी पर भेजा जाएगा। ऐसे शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को टीका लगवाने का प्रमाणपत्र पेश करने के बाद ही स्कूल में सेवा शुरू करने की अनुमति होगी।
बगैर टीका नहीं कर सकेंगे अध्यापन कार्य
कोरोना टीके की कम से कम एक डोज लेने वाले शिक्षक ही अध्यापन कार्य कर सकेंगे। जिन शिक्षकों ने टीका नहीं लगवाया है उन्हें तत्काल टीकाकरण करना होगा। शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के टीकाकरण की सुविधा के लिए संबंधित परियोजना अधिकारी को जिलाधिकारी और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के समन्वय स्थापित करके टीका उपलब्ध कराना होगा।
शासनादेश के मुताबिक जिन गांवों में पिछले एक महीने में कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला होगा ऐसे गांवों के ग्राम पंचायतों को अभिभावकों से चर्चा के बाद आश्रम स्कूल शुरू करने के लिए प्रस्ताव पारित करना होगा। ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय प्रशासन और आदिवास विकास विभाग के परियोजना कार्यालय को आश्रम स्कूल शुरू करने को लेकर निर्णय लेना होगा लेकिन अंतिम फैसला लेने का अधिकार परियोजना अधिकार के पास होगा। आश्रम स्कूलों को शुरू करने को लेकर परियोजना अधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। आदिवासी विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकार के दिशानिर्देशों का पालन न करने वाले आश्रमस्कूलों के खिलाफ प्रशासन को उचित कार्यवाही करनी होगी। परियोजना अधिकारी को लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करनी होगी।
Created On :   27 July 2021 9:26 PM IST