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राजनीतिक विरोधियों को शत्रु नहीं सिर्फ प्रतिद्वंद्वी मानते थे अटल, दोनों सदनों में किए गए याद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानमंडल शीतकालिन सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी सहित अन्य दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सत्ता पक्ष सहित विपक्षी सदस्यों ने अटल जी को राजनीति का अजात शत्रू बताते हुए उनके व्यक्तित्व की तारीफ की। विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वाजपेयी का व्यक्तित्व इतना विशाल था कि हर कोई उनसे सीख सकता था। वाजपेयी राजनीतिक विरोधियों को प्रतिद्वंद्वी मानते थे, शत्रु नहीं। फडणवीस ने कहा कि वह हमेशा कहते थे कि मतभेद होने के बावजूद मनभेद नहीं होने चाहिए। पंडित नेहरू सबसे पहले नेता थे जिन्होंने वाजपेयी में देश के नेतृत्व की क्षमता को देखा था। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर उन्हें गुरुदेव कहते थे क्योंकि वाजपेयी का व्यक्तित्व इतना विशाल था कि हर कोई उनसे सीख सकता था।
विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में देश का प्रतिनिधित्व करना वाजपेयी के लिए प्रधानमंत्री बनने से ज्यादा गौरवपूर्ण क्षण था। उन्होंने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश युद्ध के बाद इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था। ऐसे समय में जब राजनीतिक विमर्श इतना निम्नस्तर पर चला गया है, वाजपेयी की कमी वाकई महसूस हो रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य अजित पवार ने कहा कि अटलजी राजनीति के आधार स्तंभ थे। देश ने कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाया तो उस समय वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहतर रहे। इसके लिए उन्होंने हमेशा प्रयास किया। सपा के अबू आसिम आजमी ने कहा कि यदि आज अटल जी होते तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को राजधर्म की सीख देते हुए कहते कि मराठा समाज के साथ मुस्लिम समाज को भी आरक्षण मिलना चाहिए। सदन में प्रदेश के पूर्व मंत्री आनंदराव देवकाते, पूर्व मंत्री वसंतराव धोत्रे और पूर्व सदस्य माधवराव गायकवाड़ को भी श्रद्धांजलि दी गयी। कुछ अन्य पूर्व सदस्यों को भी सदन ने श्रद्धांजलि दी।
अटल के बहाने शिवसेना मंत्री ने भाजपा पर साधा निशाना
राम मंदिर के मुद्दे पर आक्रामक हुई शिवसेना ने विधान परिषद में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के बहाने भाजपा पर कटाक्ष किया। विधान परिषद में शिवसेना सदस्य व प्रदेश के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने कहा कि केंद्र में सत्ताधारी भाजपा ने चार सालों में गुजरात में देश के पूर्व गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मारक बनवा दिया। यदि भाजपा इसी चार वर्ष में अयोध्या में राम मंदिर बना देती तो अटलजी दर्शन कर लेते। रावते ने कहा कि भाजपा की केंद्र में बहुमत की सरकार है। इसके बावजूद राम मंदिर नहीं बना पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सत्ताधारी दल को संसद में कानून मंजूर कराकर राम मंदिर बनाना चाहिए। यही सही मायनों में अटलजी को श्रद्धांजलि होगी।
जब अटल जी थपथपाई थी पीठ: मुंडे
सोमवार को विधान परिषद में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन पर शोक प्रस्ताव पेश किया गया। सदन में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि एक बार अटलजी का सभा बीड़ जिले में हुई थी। उस सभा की जिम्मेदारी मुझे पर थी। सभा खत्म होने के बाद अटलजी ने मुझे बुलाया और पीठ थपथपाई। वह लम्हा मैं कभी भूल नहीं सकता हूं।
अटल जी का भाषण सुनने जनसभाओं में जाता था
सदन में कांग्रेस के विधायक दल नेता शरद रणपीसे ने कहा कि मैं कांग्रेसी हूं। लेकिन अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों में मैं अटली का भाषण सुनने के लिए उनकी सभाओं में जाता था। उस वक्त पत्रकार मुझे न देख सके। इसलिए मैं जानबूझकर पीछे बैठता था।
Created On :   19 Nov 2018 8:11 PM IST