मनसुख हिरेन की मौत मामले में निलंबित कांस्टेबल समेत दो गिरफ्तार

Two arrested, including suspended constable in Mansukh Hirens death case
मनसुख हिरेन की मौत मामले में निलंबित कांस्टेबल समेत दो गिरफ्तार
मनसुख हिरेन की मौत मामले में निलंबित कांस्टेबल समेत दो गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसुख हिरेन की हत्या मामले की छानबीन कर रहे आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियोें में एक निलंबित पुलिस कांस्टेबल जबकि दूसरा बुकी है। रविवार को कोर्ट में पेशी के बाद दोनों आरोपियों को एटीएस हिरासत में भेज दिया गया है। मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम नरेश गोर और विनायक शिंदे है। गोर बुकी है और अपराध के लिए वाझे और शिंदे को उसने फर्जी नामों पर लिए गए पांच सिमकार्ड मुहैया कराए थे। वहीं निलंबित कांस्टेबल शिंदे साल 2007 में वर्सोवा इलाके में हुए लखनभैया फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी है, उसे उम्रकैद की सजा हुई है। फिलहाल वह मई 2020 से पैरोल पर है। शिंदे निलंबन से पहले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की टीम में वाझे के साथ काम करता था। एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि पैरोल पर रिहा होने के बाद से ही शिंदे, वाझे के संपर्क में था और गैरकानूनी गतिविधियों में उसका साथ दे रहा था। आरोपियों के खिलाफ सुराग मिलने के बाद उन्हें शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था और मामले में भूमिका सामने आने के बाद दोनों को शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत की जांच भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया है। लेकिन मामला एनआईए के हवाले करने से पहले एटीएस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी हासिल की है।

मामले में मुख्य आरोपी और निलंबित एपीआई सचिन वाझे को एनआईए पहले ही एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि वाझे ने अभी हिरेन की हत्या का अपराध स्वीकार नहीं किया है। शक  है कि आरोपियों ने हिरन को फोन कर ठाणे के घोड़बंदर रोड पर बुलाया और चलती कार में ही उनका गला घोंट दिया।  अपराध में इस्तेमाल कार की भी पहचान हो गई है। गला घोंटे जाने के बाद हिरन बेसुध हो गए थे और आरोपियों ने उन्हें उसी हालत में खाड़ी में फेंक दिया था। 5 मार्च को हिरेन की खाड़ी में लाश मिली थी। बता दें कि एंटीलिया के बाहर जिलेटन की छड़े लदी जिस स्कॉर्पियो कार का इस्तेमाल किया गया था वह हिरेन की थी। जांच एजेंसियों को इस बात के भी सबूत मिले हैं कि कार चोरी होने की झूठी रिपोर्ट लिखाई गई थी जबकि हिरन ने वाझे से मुलाकात कर उसकी चाबी वाझे को सौंपी 

Created On :   21 March 2021 6:52 PM IST

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