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फांसी की सजा पाए दो आरोपियों को मिली जेल से पढ़ाई जारी रखने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अहमदनगर के कोपर्डी में नाबालिग से दुष्कर्म व हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए दो दोषियों को ओपन यूनिवर्सिटी से जेल से पढाई जारी रखने की अनुमति दे दी है। न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति एमएस मोडक की खंडपीठ ने कहा कि मामले में दोषी पाए गए आरोपियों की पढाई करने की इच्छा का स्वागत किया जाना चाहिए। खंडपीठ ने येरवडा जेल प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे पढाई के इच्छुक आरोपियों को लेकर मानवीय रुख अपनाए और उन्हें जरुरी सहयोग व मदद प्रदान करें। अहमदनगर जिले के कोपर्डी में साल 2016 में नाबालिग से दुष्कर्म व हत्या के मामले में निचली अदालत ने नवंबर 2017 में आरोपी जितेंद्र शिंदे व नीतिन भइलूमे को इस मामले में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है। निचली अदालत की ओर से आरोपियों को सुनाई गई सजा की पुष्टी के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की है। जबकि आरोपियों ने भी हाईकोर्ट में अपील कर इस सजा को चुनौती दी है। दोनों अपील अभी हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए प्रलंबित हैं।
साल 2019 में उपरोक्त दोनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पढाई करने की अनुमति मांगी थी। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील संगीता शिंदे ने कहा कि यशंवत राव चव्हाण ओपन यूनिवर्सिटी में जब साल 2022-23 के शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत होगी तो दोनों आरोपियों को यूनिवर्सिटी के पुणे स्थित विभागीय केंद्र में दाखिला करा दिया जाएगा। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने पुणे जेल प्रशासन के अधिकारियों को मामले में उचित कदम उठाने को कहा जिससे दोनों आरोपियों को उनके पसंद के कोर्स में दाखिला मिल सके। खंडपीठ ने कहा कि दोनों आरोपियों ने पढाई करने की इच्छा जाहिर की है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए। इसके साथ ही जेल प्रशासन को आरोपियों के प्रति मानवीय रुख अपना कर उन्हें पढाई में जरुरी सहयोग व मदद प्रदान करनी चाहिए।
Created On :   29 April 2022 9:05 PM IST