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एक सीट पर दो स्टूडेंट को एडमिशन, गलती के लिए जिम्मेदार अधिष्ठाता को देना होगा कैंसिलेशन खर्च
डिजिटल डेस्क, नागपुर । गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज नागपुर में एक बीएएमएस सीट पर दो उम्मीदवारों को एडमिशन मिल गया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने इसे कॉलेज अधिष्ठाता की गलती माना है। हाईकोर्ट ने दो में से एक विद्यार्थी को अकोला आयुर्वेदिक कॉलेज भेजा। साथ ही नागपुर आयुर्वेदिक कॉलेज में सीट कैंसिलेशन का सारा खर्च भी अधिष्ठाता को अपनी जेब से भरने को कहा गया है।
याचिकाकर्ता ने कॉलेज से लेकर सीईटी सेल तक गुहार लगाई
याचिकाकर्ता छात्र का नाम कैलाश चौहान है। उसको दूसरे राउंड में गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज नागपुर में सीट मिली थी। छात्र ने कॉलेज में प्रवेश के लिए 8000 रुपए फीस भरी और बोनाफाइड सर्टिफिकेट भी हासिल किया। 20 सितंबर को सीईटी सेल ने अपनी वेबसाइट पर एडमिशन स्टेटस रिपोर्ट अपलोड की, तो उसमंे याचिकाकर्ता का प्रवेश रद्द दर्शाया जा रहा था। बाद में पता चला कि कॉलेज की ओर से कोई चूक हुई और उन्होंने सीईटी सेल को याचिकाकर्ता का स्टेटस "नॉट ज्वाइंड" भेजा, जिससे सीईटी सेल ने याचिकाकर्ता का प्रवेश रद्द कर दिया। याचिकाकर्ता ने कॉलेज से लेकर सीईटी सेल तक गुहार लगाई, लेकिन उसका प्रवेश बहाल नहीं किया गया, जिसके बाद उसने हाईकोर्ट की शरण ली।
इधर, सीईटी सेल ने आयुर्वेदिक कॉलेज नागपुर की सीट काे रिक्त मान कर वहां दूसरे विद्यार्थी को प्रवेश दे दिया। ऐसे में अब बीएएमएस की एक सीट के लिए दो उम्मीदवार खड़े हो गए। इधर, हाईकोर्ट में अपने जवाब मंे सीईटी सेल ने इसे पूरी तरह कॉलेज अधिष्ठाता की गलती करार दिया और यह भी बताया कि अकोला के आरटी आयुर्वेदिक कॉलेज में एक सीट खाली है। सोमवार को हाईकोर्ट ने इस पर फैसला दिया। याचिकाकर्ता को आयुर्वेदिक कॉलेज नागपुर में और दूसरे छात्र को आयुर्वेदिक कॉलेज अकोला में प्रवेश देने के आदेश जारी किए। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. विक्रम मारपकवार, सीईटी सेल की ओर से एड. नहुष खुबालकर और अन्य छात्र की ओर से एड. निहाल सिंह राठौड़ ने पक्ष रखा।
Created On :   1 Oct 2019 12:25 PM IST