बाघिन को लेकर भिड़े दो बाघ - एक की मौत , नदी में मिला शव

Two tigers clashed with tigress - one dead, dead body found in river
बाघिन को लेकर भिड़े दो बाघ - एक की मौत , नदी में मिला शव
बाघिन को लेकर भिड़े दो बाघ - एक की मौत , नदी में मिला शव

डिजिटल डेस्क पन्ना। पन्ना टाइगर रिजर्व के गहरी घाट रेंज में बाघिन से प्रेमालाप को लेकर दो बाघों के बीच हुए घमाशान संघर्ष के दौरान घायल हुए बाघ पी-123 के केन नदी में गिरकर डूब जाने से उसकी मौत हो गई है। नदी में गिरकर डूबे घायल बाघ का शव रविवार 09 अगस्त को गहरी घाटी के शकरा से लगभग 6 किलोमीटर दूर नदी में पार्क के अमले द्वारा देखा गया। जिसके बाद आज मृत बाघ पी-123 का पोस्टमार्टम पार्क प्रबंधन द्वारा स्वतंत्र प्रतिनिधियों की उपस्थिति में करवाने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पूरे घटनाक्रम को लेकर फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व केएस भदौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के गहरी घाट रेंज के सकरा में अपनी टेरिटरी बनाकर बाघ पी-431 रह रहा है। बाघ की इसी टेरिटरी में दो से तीन मादा बाघिन की मौजूदगी रहती है। दिनांक 07 अगस्त को बाघ पी-431 बाघिन टी-6 के साथ प्रेमालाप कर रहा था। इसी दौरान बाघ पी-123  वहां तक पहुंच गया, जहां बाघ पी-431 बाघिन टी-6 के साथ मौजूद था। बाघ पी-123 बाघिन टी-6 पर फिदा हो गया और दोनों बाघों के बीच बाघिन टी-6 पर अपना अधिकार जताने को लेकर आपस में घमाशान शुरू हो गया। जिसमें शक्तिशाली बाघ पी-431 ने बाघ पी-123 को घायल करते हुए जख्मी कर दिया। दोनों बाघों के बीच चल रही लड़ाई के दौरान गंभीररूप से घायल बाघ वहां से गुजरी केन नदी में गिरकर डूब गया। पन्ना टाइगर रिजर्व के निगरानी दल को इस घटना की जानकारी लगी तो पार्क प्रबंधन को इसकी जानकारी दी गई और गहरी नदी में नाव के जरिये जाल डालकर बाघ को तालाशने के लिए अभियान शुरू किया गया। परन्तु पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम नदी में डूब चुके बाघ को ढूडऩे में कामयाब नहीं रही। फिर भी घटना को लेकर पार्क प्रबंधन को इस बात की उम्मीद थी कि शायद घायल बाघ नदी के पानी में तैरकर निकलकर चला गया होगा। इसी आस के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व की टीमें बाघ पी-123 की तालाश में सर्चिंग अभियान चला रही थी। घटना के दो दिन बाद दिनांक 09 अगस्त की शाम को मृत बाघ 6 किलोमीटर दूर जंगल की पठाई केम्प के पास केन नदी के पानी में मृत  दिखा।  पार्क के अमले द्वारा बाघ पी-123 के शव को नदी के बाहर निकाला गया और इसकी जानकारी प्रबंधन को दी गई।  10 अगस्त को सुबह पार्क प्रबंधन घटनास्थल पहुंचा तथा स्वतंत्र प्रतिनिधियों की उपस्थिति में डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा मृत बाघ का पोस्टमार्टम कराया गया। मृत बाघ के शरीर में आपसी संघर्ष के दौरान उसके घायल होने के जगह-जगह निशान पाये गये है। पोस्टमार्टम की कार्यवाही के उपरांत बाघ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अवगत हो कि डेढ़ माह के दौरान पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत की यह तीसरी घटना है। 
 

Created On :   10 Aug 2020 7:07 PM IST

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