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उमा भारती ने कहा - एमजी वैद्य मेरे पिता की तरह नहीं, पिता ही थे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ विचारक और संगठन के पहले प्रवक्ता रहे एम जी वैद्य का शनिवार को निधन हो गया। 97 साल की उम्र में नागपुर में उन्होने अंतिम सांस ली। आरएसएस के संयुक्त महासचिव और एम जी वैद्य के बेटे डॉ मनमोहन वैद्य ने बताया कि उनका दाह संस्कार रविवार को सुबह 9.30 बजे नागपुर में अंबाझरी घाट पर होगा। उन्होने बताया कि अंतिम संस्कार परंपरागत तरीके से होगा। देहदान का कोई विचार नहीं है।
एम जी वैद्य के निधन की खबर सुनकर मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती बेहद दुखी हैं। हालांकि पांव में चोट की वजह से वह अंतिम संस्कार में शामिल होने नागपुर नहीं जा पा रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में कहा कि वैद्य जी मेरे पिता की तरह नहीं, बल्कि पिता ही थे। उन्होने बताया, ‘मैं उन्हें करीब 20 साल से जानती थी। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि मैं उनको हमेशा से जानती थी। मेरे लिए उन्होने वह जगह भरी जो हमेशा खाली थी, मेरे पिता की जगह। इसलिए मैं उनको हमेशा अपना गुरू, पिता, पथ प्रदर्शक माना। मैंने देखा है कि अगर किसी को सीखना हो कि आदर्श जीवनशैली क्या हो सकती है तो वो वैद्य जी में थी, वैद्य जी के घर परिवार में थी। वो जो बोलते थे उसी का पालन करते थे’।
संतों से भी बड़े संत थे एम जी वैद्य
सुश्री भारती आगे कहती हैं, ‘जो लोग कहते हैं कि मन, वचन और कर्म एक नहीं हो सकते तो वैद्य जी एक ऐसे व्यक्ति थे, जो सोचते थे, वही बोलते थे। जो हमें सिखाते थे, उस पर वे खुद चलते थे। उनके मन-कर्म-वचन में संगति थी, संतुलन था। ऐसा संतुलित जीवन जीने वाले लोग मैंने धरती पर बड़े-बडे साधु संत भी नहीं देखे। वो तो एक गृहस्थ थे, लेकिन संतों से भी बड़े संत थे’। पूर्व मुख्यमंत्री कहती हैं, ‘मैं अभी ज्यादा ठीक नहीं हूं। मैं यही कहूंगी कि उनके बारे में मुझे अभी स्वयं सांत्वना की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि मुझे जितना कष्ट हुआ है, उतना तो उनके पोते विष्णु को हो रहा होगा। विष्णु मेरा सहायक है। विष्णु उनसे बहुत अटैच्ड था और जितना विष्णु था, उतना ही मैं। वैद्य जी मेरे पिता की तरह नहीं, बल्कि पिता ही थे। मुझे आई की ज्यादा चिंता हो रही है क्योंकि आई अभी हैं। वह भी अभी अस्वस्थ हैं। उसे खबर लगेगी तो वह इसे कैसे लेगी? मैं नागपुर पहुंचना भी चाहती हूं। मुझे अभी-अभी खबर मिली, जैसे ही उनका शरीर छूटा विष्णु ने पहली खबर शायद मुझे ही दी’। बता दें कि एम जी वैद्य के पोते विष्णु वैद्य पिछले पांच साल से उमा भारती के साथ हैं।
याद में दिल्ली में भी होगा कार्यक्रम
एम जी वैद्य की याद में दिल्ली स्थित आरएसएस कार्यालय की ओर से भी कार्यक्रम आयोजित होगा। आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि उनकी याद में निश्चित रूप से कार्यक्रम होगा, लेकिन अभी इसकी रूपरेखा नहीं बनी है। जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय होगा।
Created On :   20 Dec 2020 3:39 PM IST