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प्रेम-विश्वास से बनी रहती है परिवार में एकता

डिजिटल डेस्क, अमरावती। संयुक्त परिवार में सदस्यों के बीच प्रेम, विश्वास और एकता की भावना होना जरूरी है। जिससे परिवार खुशहाल बनता है। जीवन में उतार-चढ़ाव आते है, इसमें परिवार की एकजुटता ही मुश्किलों को आसान बनाती है। यह कहना है अमरावती जिले के तिवसा तहसील के कुर्हा निवासी 43 वर्षीय विवेक बबनराव बिंड का।
आपकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण वह कौनसा पल था, जिसमें आपने सफलता पायी और वह किस तरह अपने आनेवाली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर सकता है?
हमारा कृषक परिवार रहने से बचपन से ही जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। माता-पिता ने उत्तम संस्कार देने से संकट की घड़ी में धैर्य रखने का साहस मिला है। पिता का देहांत वर्ष 1995 में हुआ। इसके बाद मां पुष्पा ने हमें हर स्थिति का सामना करने के लिए मार्गदर्शन किया। लेकिन सितंबर 2012 में ह्दयाघात से मां भी का निधन हुआ। जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई। माता-पिता के आदर्शों पर चलकर कड़ी मेहनत की और अब हम दोनों भाई संयुक्त परिवार में एक साथ है।
आपने जो अपनी विरासत संजोई है और जिंदगी में जो अनुभव प्राप्त किए है, वे किस तरह भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते है?
ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए मेरे पिता बबनराव बिंड ने गांव में शहीद भगतसिंह ग्रंथालय शुरू किया था। पिताजी केे इस कार्य को निरंतर शुरू रखने का निर्णय लेकर कृषि कार्य करने के साथ-साथ ग्रंथालय की देखभाल और विद्यार्थियों को सुविधा उपलब्ध करने के लिए हमेशा प्रयासरत हूं। मेरा मानना है कि युवा पीढ़ी ने माता-पिता के संस्कारों को अपने जीवन में उतारना जरूरी है। इससे उनका भविष्य संवरेगा।
अपने शहर, समाज और देश के लिए अब क्या करना चाहते है और यह भी बताइए कि आज की पीढ़ी को क्या करने की जरूरत है?
हम सब की यह जिम्मेदारी है कि हमें केवल परिवार के बारे में नहीं सोचना चाहिए। समाज और देश के प्रति भी हमारा कर्तव्य है। युवाओं ने शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी योगदान देना चाहिए।
Created On :   7 March 2022 7:23 PM IST