टेक्निकली काम नई कंपनी को सौंपने में कतरा रही यूनिवर्सिटी, अटके पड़े हैं कामकाज

Universities are reluctant to hand over technical work to new company, work is stuck
टेक्निकली काम नई कंपनी को सौंपने में कतरा रही यूनिवर्सिटी, अटके पड़े हैं कामकाज
टेक्निकली काम नई कंपनी को सौंपने में कतरा रही यूनिवर्सिटी, अटके पड़े हैं कामकाज

डिजिटल डेस्क,  नागपुर ।  राज्य सरकार ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत प्रदेशभर के सभी गैर कृषि विश्वविद्यालयों के कामकाज में समानता लाने के लिए इंटीग्रेडेट यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम (आईयूएमएस) प्रणाली लागू करने की तैयारी की है। सरकार की मंशा है कि, विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर की मदद से होने वाले सभी काम आईयूएमएस के जरिए हो। इस संदर्भ में हाल ही में कंपनी प्रतिनिधियों और  यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट काउंसिल सदस्यों की बैठक हुई।  यूनिवर्सिटी सूत्रों की मानें तो  यूनिवर्सिटी प्रशासन कंपनी को काम सौंपने के प्रति आश्वस्त नहीं है। बड़े पैमाने पर फैले  यूनिवर्सिटी के कामकाज, उसकी जटिलता और विविधता को हल करने में नई कंपनी कामयाब होगी या नहीं, इस पर यूनिवर्सिटी को संदेह है। ऐसे में यूनिवर्सिटी की ओर से इस दिशा में ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। 

फिलहाल 4 कंपनियां संभालती हैं काम
नागपुर विश्वविद्यालय में तकनीकी कामकाज संभालने का जिम्मा चार कंपनियों को दिया गया है। परीक्षा संबंधी काम प्रोमार्क कंपनी को, वित्त से संबंधित काम-काज टीएम नेटवर्क को, कॉलेज विभाग का काम लैंबरेम कंपनी तथा अन्य सभी तकनीकी काम का जिम्मा सॉफ्ट पॉलिनोमियल्स को दिया गया है। राज्य सरकार का निर्णय लागू होने के बाद यह सारा काम आईयूएमएस के जरिए किया जाएगा।

नई कंपनी के पीछे यह तर्क
अब तक विविध गैर कृषि  यूनिवर्सिटी अपने-अपने स्तर पर निजी कंपनियों की मदद से परीक्षा का काम-काज पूरा करते थे, लेकिन विश्वविद्यालयों के व्यापक कामकाज को संभालने में ये निजी कंपनियां अधिकांश मौकों पर असफल साबित हुई हैं। स्थिति तब और अधिक स्पष्ट हुई, जब मुंबई विवि द्वारा परीक्षा परिणाम जारी करने मंे देर करना वहां के कुलगुरु के इस्तीफे का कारण बन गया। नागपुर और गोंडवाना  यूनिवर्सिटी को छोड़ कर अधिकांश विश्वविद्यालयों में भी परीक्षा परिणाम देरी से ही जारी होते रहे हैं। ऐसे में इस समस्या के समाधान स्वरूप राज्य सरकार ने यह कदम उठाया था। महाराष्ट्र सूचना तंत्रज्ञान महामंडल के जरिए यह प्रक्रिया लागू की जा रही है।

Created On :   29 Nov 2019 1:10 PM IST

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