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नगर परिषदों में गुणवत्ताहीन काम बर्दाश्त नहीं, जवाबदारी तय कर होगी सख्त कार्रवाई : CM

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने नगर विकास विभाग की निधि को तीन गुना बढ़ा दिया है। अगले दो सालों में निधि और बढ़ाई जाएगी। साथ ही कहा कि निधि का उचित ढंग से उपयोग कर गुणवत्ता का खास ध्यान रखा जाना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो जवाबदेही तय कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुणवत्ता की जांच नगर परिषद निदेशालय को करनी चाहिए।
गौरतलब है कि शुक्रवार को नगर विकास विभाग की विभिन्न परियोजना की समीक्षा बैठक हुई। जिसमें राज्य के 34 नगर परिषद के नगराध्यक्ष और मुख्याधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास में पहली बार नगराध्यक्षों के योजनाओं की समीक्षा बैठक की जा रही है। नगर परिषदों को सेवा का अधिकार कानून के तहत महत्वपूर्ण सेवाओं को ई-प्रशासन के माध्यम से डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध कराना चाहिए। नगर परिषदों को ई- प्रशासन शुरू करना चाहिए। इससे प्रशासन में भ्रष्टाचार कम होगा और लोगों का काम जल्दी हो सकेगा। सभी नगर परिषदों को डिजिटल काम के रिपोर्ट देना चाहिए।
जवाबदेही निश्चित करके की जाएगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर परिषदों का संपत्ति कर बढ़ाने के लिए नगर विकास विभाग ने कई उपाय शुरू किया है। नगर परिषदों को डिजिटल स्वरूप में जीआईएस द्वारा कर वसूलना चाहिए। हर घर को कर के दायरे में लाना चाहिए। ज्यादा कर वसूली होने से नगर परिषदों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि अपना शहर स्वच्छ और सुंदर रखने के लिए नगर परिषद के नगराध्यक्षों को खुद पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ते शहरी करण को देखते हुए नगर विकास विभाग ने शहरों का सुनियोजित विकास करने के लिए योजना बनाया है। शहर को सुंदर और साफ-सुथरा रखने और शाश्वत विकास के लिए नगर विकास विभाग ने मूलभूत योजनाओं को लागू करने पर जोर दिया है। इसके लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार मदद कर रही है।
समस्याओं के निपटारे के दिए निर्देश
बैठक के दौरान नगराध्यक्षों ने परियोजनाओं को लागू करने में होने वाली दिक्कतों के बारे में बताया। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित समस्याओं के निपटारे के लिए उचित निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगराध्यक्षों को अपने मन में यह भावना रख कर काम करना चाहिए कि यह शहर अपना है। सीधे जनता द्वारा चुने गए नगराध्यक्षों में इस तरह की भावना ज्यादा होती है। इसलिए सरकार ने नगराध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता द्वारा कराने का फैसला लिया है।
Created On :   3 Nov 2017 7:35 PM IST