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उर्मिला ने कहा - वसुधैव कुटुंबकम वाला है शिवसेना का हिंदुत्व
डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्म अभिनेत्री व शिवसेना नेता उर्मिला मांतोडकर का कहना है कि राजनीति में आने के बाद अब मैं जनता के बीच जाकर उनकी परेशानियों को समझना चाहती हूं। मैं ऐसी कमरे में बैठ कर सिर्फ ट्विटर पर सक्रिय रहने वाली नेता नहीं बनना चाहती। शिवसेना की तरफ से विधान परिषद की राज्यपाल कोटे वाली सीट के लिए नामित की गई उर्मिला फिलहाल विधायक बनने का इंतजार कर रही हैं। शिवसेना भवन में ‘दैनिक भास्कर’ ने उर्मिला से उनकी राजनीतिक गतिविधियों, कांग्रेस से इस्तीफे और यूपी में बॉलीवुड सहित कई विषयों पर बातचीत की।
आप लोकसभा सदस्य बनना चाहती थी पर अब विधान परिषद जाने को कैसे तैयार हो गईॽ
मैं जब कांग्रेस में शामिल हुई थी तो चुनाव नहीं लड़ना चाहती थी। मैं पार्टी के लिए देशभर में प्रचार करना चाहती थी। पर पार्टी के आदेश पर उत्तर मुंबई सीट से चुनाव लड़ना पड़ा। मैं लोगों के लिए काम करना चाहती हूं। मुझे फिल्म इंडस्ट्री में आए 30 साल होने वाले हैं पर लोकसभा चुनाव के वक्त 28 दिनों में चुनाव प्रचार के दौरान जो अनुभव हुए, उसे मैं भूल नहीं सकती। लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया।
पहले आप कांग्रेस में थी पर अब शिवसेना में शामिल हो गई, क्या शिवसेना अब धर्मनिरपेक्ष पार्टी हो गई हैॽ
शिवसेना हिंदुत्ववादी पार्टी थी और रहेगी। हिंदुत्व का अर्थ दूसरे धर्म के लोगों से नफरत करना तो नहीं होता। हिंदुत्व तो वसुधैव कुटुंबकम की भावना वाला धर्म है जो पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है।
विधान परिषद की राज्यपाल कोटे की सीट से साहित्य, कला, सहकारिता व समाजासेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को भेजने का प्रावधान है, पर वास्तव में ऐसा होता नहीं। सत्ताधारी दलों द्वारा नियम का दुरुपयोग किया जाता है। इस बारे में आप क्या कहेंगीॽ
क्या नियमों का यह दुरुपयोग पहले से नहीं होता रहा हैॽ मैं तो इस पद के लिए पात्र हूं और इंतजार कर रही हूं कि कब राज्यपाल महोदय मंजूरी देते हैं। यदि मैं विधान परिषद सदस्य न भी बन पाई तो शिवसेना कार्यकर्ता के तौर पर कार्य करती रहूंगी।
आप के पांच महिनों में ही कांग्रेस छोड़ने का कारण क्या रहाॽ
यह कहना गलत होगा कि चुनाव हारने के कारण मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया। मैंने रिजल्ट आने के पहले ही इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुझे कोई शिकायत नहीं है। राहुल जी, बाला साहेब थोरात जी से आज भी मेरा पहले जैसा जुड़ाव है। स्थानीय स्तर पर कुछ समस्याएं आई पर उस बारे में मैं बात नहीं करना चाहती। बीते एक साल के दौरान उद्धव जी ने बतौर मुख्यमंत्री जिस तरह कार्य किया, उससे प्रभावित होकर मैं शिवसेना में शामिल हुई हूं। जबकि विधान परिषद भेजने का ऑफर मुझे कांग्रेस की तरफ से भी मिला था।
पिछले दिनों बॉलीवुड को यूपी ले जाने को लेकर विवाद सामने आया। आप इसे किस तरह देखती हैंॽ
देश में जो जहां चाहे वहां फिल्मसिटी बना सकता है। देश में अभी भी कई जगहों पर फिल्मसिटी हैं। यह तो अच्छी बात है कि देश में ज्यादा से ज्यादा फिल्मसिटी हो जिससे फिल्म उद्योग को अधिक सुविधाएं मिल सके।
Created On :   23 Dec 2020 6:38 PM IST