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अदालत ने पूछा - जब हाउसिंग सोसाईटी में लग सकता है टीका, तो घर-घर क्यों नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि जब कोरोना के टीकाकरण का अभियान हाउसिंग सोसायटी में चलाया जा सकता है तो सरकार व प्राधिकरण बुजुर्गों, दिव्यांगोंतथा बिस्तर न उठ पाने वालों को घर घर जाकर टीका देने की दिशा में कदम क्यों नहीं उठाते हैं। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। याचिका में बुजुर्गों को घर घर जाकर कोविड का टीका देने का निर्देश देने की मांग की गई है। क्योंकि बहुत से लोग टीकाकरण केंद्रो तक पहुंच पाने में असमर्थ हैं।यह याचिका वकील ध्रुती कपाड़िया व कुणाल तिवारी ने दायर की है।बुधवार को खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि कई हाऊसिंग सोसायटी निजी अस्पतालों से गठजोड़ कर अपने परिसर में लोगों को टीका दे रही हैं। यदि हाउसिंग सोसायटी ऐसा कर सकती है तो सरकार व प्राधिकरण बुजुर्गों को घर घर जाकर टीका देने की दिशा में कदम क्यों नहीं उठाते। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ध्रुती कपाड़िया ने कहा कि केंद्र सरकार की नीति के तहत घर घर जाकर कोरोना का टीका दे पाना संभव नहीं है लेकिन वसई विरार महानगरपालिका ने अपने इलाके में इस दिशा में काम करना शुरु कर दिया है।
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप फॉर वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन को बुजुर्गों को घर घर जाकर कोरोना का टीका देने पर विचार करने को कहा था। इस पर बुधवार को एडिसनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि उन्हें इस विषय पर निर्देश लेने के लिए समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि जुलाई के अंत तक कोवैक्सीन व कोविशिल्ड टीके की उपलब्धता बढ़ जाएगी। इस पर खंडपीठ ने पूछा कि देश की पूरी आबादी को कब तक कोरोना का टीका लग सकेगा? जवाब में श्री सिंह ने कहा कि इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक दिसंबर 2021 के अंत तक सबको टीका लग जाएगा। इसके बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 8 जून 2021 तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   2 Jun 2021 9:24 PM IST