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स्कॉर्पीन श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी वागीर नौ सेना के सुपुर्द
डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्कॉर्पीन श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी वागीर को मंगलवार को नौसेना के सुपुर्द कर दिया गया। कुछ समय बाद आईएनएस वागीर के रुप में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा जिससे उसकी ताकत और बढ़ेगी। वागीर को 12 नवंबर 2020 को लांच किया गया था और इस साल 1 फरवरी से उसका समुद्री परीक्षण चल रहा था। युद्धयोग्य और नौसेना में शामिल होने लायक बनाने के लिए एक साल से ज्यादा समय तक इसका व्यापक और कठोर परीक्षण किया गया। अधिकारियों के मुताबिक पूर्ववर्ती पनडुब्बियों के मुकाबले इस पर लगे हथियारों और सेंसर का परीक्षण ज्यादा जल्द हो गया। मुंबई स्थित माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिडेट (एमडीएल) ने परियोजना पी-75 के तहत यह पनडुब्बी फ्रांस के नेवल ग्रुप के साथ मिलकर बनाई है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह अहम कड़ी है। पिछले दो सालों में भारतीय नौसेना को तीन पनडुब्बियां सौंपी जा चुकीं हैं। पनडुब्बी सेना के सुपुर्द करने से जुड़े दस्तावेजों पर वाइस एडमिरल नारायण प्रसाद, एबीएसएम, एनएम, आईएन(सेवानिवृत्त), अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एमडीएल एवं रियर एडमिरल सी रघुराम, वीएसएम. चीफ स्टाफ ऑफीसर (टेक), पश्चिमी नौसेना कमान के कमांडिंग ऑफीसर (नामित) कमांडर एस दिवाकर समेत एमडीएल और नौसेना के कई अधिकारी और कर्मचारियों की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर एमडीएल के सीएमडी ने कहा कि वागीर की सुपुर्दगी के साथ भारत ने पनडुब्बी का निर्माण करने वाले देश के रुप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। कलवरी, खंडेरी, करंज, वेला और अब वागीर पनडुब्बी की सुपुर्दगी के बाद भारत पनडुब्बी निर्माण करने वाले विशेष देशों के समूह में शामिल हो गया है।
यह है वागीर की खूबी
स्कॉर्पीन में अत्याधुनिक तकनीक की इस्तेमाल कर बेहतर स्टील्थ सुविधाएं सुनिश्चित की गईं हैं। यह बेहद कम आवाज करती है साथ ही दुश्मन पर छिपकर गाइडेड हथियारों के जरिए घातक आक्रमण करने में सक्षम है। इसके जरिए टोरपीडो और ट्यूब लांन्च्ड एंटी शिप मिसाइल के जरिए भी पानी के भीतर या सतह से हमला किया जा सकता है। इसकी विशेषताएं इसे अभेद्य और बेजोड़ बनातीं हैं। वागीर का इस्तेमाल एंटी सरफेस, एंटी सबमरीन, सूचनाएं इकठ्ठी करने, समुद्री सुरंग बिछाने, हवाई निगरानी के लिए भी किया जा सकता है।
Created On :   20 Dec 2022 8:24 PM IST