वागीश सारस्वत, शेखर अस्तित्व व पंकज प्रसून सम्मानित 

Vagish Saraswat, Shekhar existence and Pankaj Prasoon honored
वागीश सारस्वत, शेखर अस्तित्व व पंकज प्रसून सम्मानित 
वागीश सारस्वत, शेखर अस्तित्व व पंकज प्रसून सम्मानित 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के बारहवें राष्ट्रीय अधिवेशन में सोमवार को संस्था की ओर से सारेगामापा स्टूडियो में अखिल भारतीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। पत्रकार-व्यंग्यकार डा वागीश सारस्वत को व्यंग्य विभूति सम्मान-2019,  गीतकार शेखर अस्तित्व को गीत गंगा सम्मान-2019  व लखनऊ के व्यंग्य कवि पंकज प्रसून को "व्यंग्य विभूषण सम्मान - 2019" से नवाजा गया। डा वागीश सारस्वत ने कहा कि व्यंग्य लिखने के लिए निर्भीकता ज़रूरी होती है।

पंकज प्रसून ने सुनाया-कुर्सी का पानी से गहरा नाता है, कुर्सी  छिनते ही आंखों में पानी भर जाता है, कुर्सी मिलते ही आंखों का पानी मर जाता है। शेखर अस्तित्व ने अपने मशहूर गीत-"तीर थे कमान हो गए,कैसे बेजुबान हो गए, सिर्फ एक पान के लिए लोग पीकदान हो गए’ का सस्वर पाठ किया । इस अवसर पर दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यकार पंडित सुरेश नीरव, प्रवासी संसार के संपादक  वरिष्ठ पत्रकार  राकेश  पांडे, संगीतकार सुधाकर  स्नेह सहित मुम्बई एवं देश के कई शहरों से पधारे साहित्यकार एवम कवि उपस्थित रहे ।

 

Created On :   3 Feb 2020 7:00 PM IST

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