पीड़िता ने कहा - मैंने नहीं लगाए थे रेप के आरोप, अदालत ने कहा - मामले की हो जांच

Victim said I did not put charges of rape, the court said that case should be investigated
पीड़िता ने कहा - मैंने नहीं लगाए थे रेप के आरोप, अदालत ने कहा - मामले की हो जांच
पीड़िता ने कहा - मैंने नहीं लगाए थे रेप के आरोप, अदालत ने कहा - मामले की हो जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार की धारा लगाई थी। मैंने आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म का आरोप नहीं लगाया था। पीडिता के इस खुलासे के बाद बांबे हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े पुलिस अधिकारी व पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए है। जबकि आरोपी को अग्रिम जमानत प्रदान की है। मामले से जुड़ी पीडिता ने कोर्ट में हलफनामा दायर दावा किया था कि उसने पुलिस को खुद व आरोपी के बीच झगड़े की जानकारी दी थी। ताकि पुलिस आरोपी को हिदायत दे सके। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपने से एफआईआर में धारा 376 जोड़ी। जिसके बारे में मैंने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी थी। मैं सिर्फ नौवीं पास हूं। एफआईआर में लिखी गई बातों को समझ नहीं पायी थी। मैंने सिर्फ अपने बयान पर हस्ताक्षर किया था। पीडिता ने कहा कि जब उसे पता चला कि मेरे द्वारा लगाए गए आरोप एफआईआर में लिखी गई बातों से मेल नहीं खाते हैं तो मैंने कोर्ट को इसकी जानकारी देना उचित समझा। मामले को लेकर पुणे के देहूरोड पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के मुताबिक पीड़िता विवाहित है। उसने आरोपी पर जबरन दुष्कर्म करने का दावा किया था। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद आरोपी ने गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन किया था। आवेदन में आरोपी ने कहा था कि उसके और शिकायतकर्ता के बीच सहमति से संबंध बने थे।

न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल के सामने जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों को देखने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रकरण से जुड़ी स्थितिया काफी व्यथित करती है। शिकायतकर्ता ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ आरोप लगाए हैं। संभव है कि शिकायतकर्ता ने अपना बयान बदला हो लेकिन इस मामले में यू ही अनदेखी नहीं की जा सकता है। इसलिए मामले की जांच जरुरी है। यह बात कहते हुए न्यायमूर्ति ने पिपंरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्त को मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय अधिकारी नियुक्ति करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति ने कहा कि यदि मामले में कोई पुलिस अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाए। जांच में यदि शिकायतकर्ता गलत पायी जाती है तो उसके खिलाफ भी कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाए।

Created On :   5 April 2021 8:05 PM IST

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