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नागपुर में अधिवेशन नहीं होने से विदर्भवादी नाराज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य विधानमंडल का बजट अधिवेशन नागपुर के बजाय मुंबई में कराए जाने को लेकर विदर्भवादियों ने नाराजगी व्यक्त की है। कहा गया है कि दो वर्ष से नागपुर में एक भी अधिवेशन नहीं कराकर सरकार विदर्भ के साथ अन्याय कर रही है। इस अन्याय के विरोध में 28 फरवरी को नागपुर में विधानभवन का घेराव किया जाएगा। 11 मार्च को नागपुर में केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से कहा गया है कि अकोला व नागपुर करार का पालन नहीं किया जा रहा है। विदर्भ विकास मंडल गठित कर केवल भ्रमित किया जा रहा है। विदर्भ में विकास का अनुशेष बढ़ रहा है। राज्य पर कर्ज बढ़ रहा है। कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए भी नया कर्ज लिया जा रहा है। महाराष्ट्र में रहकर विदर्भ का विकास नहीं हो सकता है। संविधान में प्रावधान कर विदर्भ विकास मंडल की घोषणा की गई थी। 39 वर्ष तक मंडल तैयार नहीं किया गया। 1994 में विदर्भ विकास मंडल स्थापित किया गया। लेकिन कभी भी पर्याप्त निधि नहीं दी। वामनराव चटप, प्रकाश पोहरे, श्रीनिवास खांदेवाले, रंजना मामर्डे, मुकेश मासुरकर, अरुण केदार, ने सरकार की नीतियों की आलोचना की है।
मंत्रियों की असहमति
राज्य के मदद व पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि नागपुर में अधिवेशन कराने के लिए किसी की असहमति नहीं होनी चाहिए। मंत्रिमंडल की बैठक में विदर्भ के सभी मंत्रियों ने इस विषय पर असहमति जताई कि नागपुर में अधिवेशन न लिया जाए, लेकिन कोरोना को लेकर स्थिति को देखते हुए यहां अधिवेशन नहीं कराने का विचार किया जा रहा है। नागपुर में अधिवेशन के संबंध में अध्ययन दल की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। एेसे में नागपुर में अन्य अधिवेशन कराने का विचार चल रहा है। 15 फरवरी को इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। भाजपा विधायक कृष्णा खोपडे ने कहा है कि महाविकास आघाड़ी के नेतृत्व की सरकार विदर्भ को नजरअंदाज कर रही है। यहां की विकास योजनाओं को रोककर रखा है। विदर्भ के बारे में सरकार के पास बताने के लिए कुछ नहीं है।
Created On :   13 Feb 2022 6:26 PM IST