सुपारी गोदाम पर छापा : 10 से 12 समूह विजिलेंस की नजर पर राजनीतिक कार्यकर्ता पर भी निशाना

vigilance eyes on 10 to 12 group also political activist
सुपारी गोदाम पर छापा : 10 से 12 समूह विजिलेंस की नजर पर राजनीतिक कार्यकर्ता पर भी निशाना
सुपारी गोदाम पर छापा : 10 से 12 समूह विजिलेंस की नजर पर राजनीतिक कार्यकर्ता पर भी निशाना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वाड़ी में सुपारी गोदाम पर छापेमारी का दौर जारी है। सतर्कता विभाग की टीम लगातार 3 दिन से यह कार्रवाई कर रही है। लिहाजा सड़ी सुपारी का कारोबार चर्चा में है। इस मामले में यह भी जानकारी मिली है कि छापेमारी का दौर जारी रहने वाला हैं। जिले में 10 से 12 ऐसे समूहों को चिन्हित किया गया है, जो सड़ी सुपारी के कारोबार में लिप्त है। इन समूहों में व्यवसायी, अपराधी के अलावा राजनीति व अन्य क्षेत्र से जुड़े कार्यकर्ता भी हैं। बताया जा रहा है कि इस बार छापेमारी के लिए उन कारोबारियों को भी निशाने पर रखा गया है, जो सड़ी व प्रतिबंधित सुपारी की बेनामी पैकिंग करके विविध राज्यों में भिजवाते रहते हैं।

कारोबार की शिकायतें

उच्च स्तर पर भेजी गई शिकायत में जिक्र है कि शहर में नुकसानदायक व प्रतिबंधित सुपारी का कारोबार बड़े स्तर पर चल रहा है। राजू, आनंद, बावला, सलीम, कलीम, बालानी, गनी जैसे नाम सुपारी के अवैध कारोबार में सबसे अधिक लिप्त हैं। मध्यप्रदेश के पांढुर्णा, छत्तीसगढ़ के रायपुर के अलावा नागपुर व गोंदिया में इनके सब एजेंट हैं। नाकाचोरी करके शहर में अवैध गुटखा खपाने वालों की टीम सक्रिय है। सड़ी सुपारी पर रासायनिक प्रक्रिया की जाती है। इसके अलावा प्रतिबंधित सुपारी को गोदामों में काटकर बेनामी पैकिंग की जाती है। एक कारखाना या गोदाम में 50 से अधिक मशीनें रहती हैं। इस कारोबार में कुछ अधिकारियों की लिप्तता के भी आरोप लगते रहे हैं। 

लाॅकडाउन नहीं होता तो मैं भी कार्रवाई करने नागपुर आ जाता : राजेंद्र शिंगणे

अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने कहा है कि नागपुर में सुपारी के अवैध कारोबार की शिकायत बढ़ रही है। दैनिक भास्कर से चर्चा में उन्होंने कहा कि मैंने विभाग की जिम्मेदारी संभालते समय ही जो जानकारियां जुटाई उसमें नागपुर की रिपोर्ट चौंकाने वाली थी। लिहाजा यहां छापेमारी की याेजना बनाई थी। लाॅकडाउन नहीं रहता तो मैं भी कार्रवाई करने नागपुर आता। बतौर शिंगणे-हमने अवैध कारोबार रोकने के लिए सूचनार्थियों का नेटवर्क मजबूत किया है। सूचनार्थी के लिए 10 लाख रुपए की निधि का प्रावधान किया है। राज्य अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त ए.बी. उन्हाले ने कहा है कि अवैध कारोबार रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। नागपुर में सुपारी का बड़ा कारोबार है। परिवहन के लिहाज से नागपुर महत्वपूर्ण होने के कारण यहां से अन्य शहरों के कारोबारियों का सीधा जुड़ाव है। लेकिन प्रतिबंधित व सड़ी सुपारी में लिप्त कुछ कारोबारियों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि यहां का पूरा सुपारी कारोबार ही बदनाम होने लगता है। लाॅकडाउन के समय शहर में विविध स्थानों पर सुपारी कारोबारियों पर छापेमारी से यहां का कारोबार और भी चर्चा में रहा है। यहां तक कि मध्यप्रदेश के इंदौर, जबलपुर या अन्य शहरों में कथित सुपारी माफिया पकड़े जाते हैं तो उनके साथ यहां के कुछ कारोबारियों के नाम भी जुड़ जाते हैं। जानकारी के अनुसार यहां सुपारी के अवैध कारोबार की कार्यप्रणाली की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है। 

वड़धामना के गोदाम पर एफडीए का छापा, 350 बोरी में मिली 24498 किलो सुपारी

उधर वाड़ी के वड़धामना में शनिवार को भी 52.73 लाख रुपए की 350 बोरी सुपारी जब्त की गई है, जबकि शुक्रवार को करीब 1 करोड़ रुपए की सुपारी जब्त की गई थी। शनिवार को नागपुर के अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के सह आयुक्त चंद्रकांत पवार ने करवाई की। सुपारी कर्नाटक के सिरसी से कानपुर भेजी जा रही थी। सूत्रों के अनुसार एक ट्रक से दूसरे ट्रक पर निकृष्ट दर्जे की सुपारी लोड होने की जानकारी शिवसेना महाराष्ट्र वाहतुक सेना के जिला प्रमुख गणेश कान्हारकर नेे एफडीए के सह आयुक्त चंद्रकांत पवार को दी। उसके बाद पवार ने अपने दलबल के साथ वड़धामना स्थित आदर्श रोड लाइंस पर पहुंच कर 350 बोरी सुपारी से लदे ट्रक क्रमांक यूपी 78 डीटी 1280 को कब्जे में ले लिया। छानबीन के बाद करीब 52 लाख 73 हजार 625 रुपए की 24,498 किलो सुपारी जब्त की गई। सुपारी आदर्श रोड लाइंस के गोडाउन में सील कर जांच के लिए लैब में नमूने भेज दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई करने की जानकारी सह आयुक्त चंद्रकांत पवार ने दी है। 

मिक्स कर बेचते हैं

बताया जाता है कि असम की सुपारी 600 रुपए किलो बिकती है, जबकि कर्नाटक की सुपारी 300 रुपए प्रति किलो बेची जाती है। असम की सुपारी में कर्नाटक की सुपारी मिला कर बेची जाती है। सुपारी सिरसी कर्नाटक से वड़धामना के एबीजी लॉजिस्टिक के माध्यम से श्रीजी सेल्स कानपुर भेजी जा रही थी। सुपारी का कारोबार करनेवाला विजय शुक्ला कानपुर निवासी है, जो 20 साल से नागपुर में रह कर कानपुर में सुपारी की सप्लाई करता है। सुपारी की जानकारी देने को लेकर शुक्ला और सेना कार्यकर्ता के बीच जमकर बहस भी हुई। शुक्ला ने कार्रवाई रोकने के लिए शिवसेना के कुमार सवासेरे पर 5 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया है। इस बीच मामले को लेकर शिवसेना महाराष्ट्र वाहतुक सेना के कार्यकर्ताओं के बीच गुटबाजी नजर आई। 
 

Created On :   21 Jun 2020 11:27 AM GMT

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