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कहीं जांच की वेटिंग, तो कहीं रिपोर्ट का इंतजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सीटी स्कैन की जांच के लिए 15 दिन की वेटिंग है। जांच के 2 दिन बाद रिपोर्ट लेने के लिए बुलाया जाता है। मेडिकल में भी वेटिंग चल रही है और रिपोर्ट के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। ट्रॉमा केयर सेंटर की सीटी स्कैन मशीन मिलाकर मेडिकल में कुल 3 सीटी स्कैन मशीन है। अधिष्ठाता के स्पष्ट निर्देश है कि आपस में समन्वय बनाएं और मरीज को परेशान न होने दें, इसके बाद भी मरीजों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है।
यह है समस्या
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मैन पॉवर की कमी के नाम पर सुबह 9 से शाम 4 बजे तक सीटी स्कैन का समय रखा गया है। लेकिन स्टॉफ देर से आकर जल्दी चला जाता है। यहां 15 दिन की वेटिंग है। चौंकाने वाली बात है कि रिपोर्ट दो दिन बाद मिलेगी यह जगह-जगह लिखा है। दूसरी ओर मेडिकल में लगभग 24 घंटे जांच होती है, लेकिन रिपोर्ट के िलए इंतजार करना पड़ता है। एक ओर अस्पताल में भर्ती मरीज की जांच के बाद उपचार के िलए डॉक्टर रिपोर्ट का इंतजार करते हैं, दूसरी ओर रिपोर्ट बनाने वालों की अलग व्यस्तता रहती है। रिपोर्ट बनने के बाद टाइप करने के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। ट्रॉमा केयर सेंटर में भी सीटी स्कैन मशीन है, लेकिन यहां समन्वय के कारण मशीन का उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है।
रिपोर्ट पाने में भी परेशानी
कहने के लिए वरिष्ठ चिकित्सक रिपोर्ट तैयार करते है। इस वजह से रिपोर्ट बनाने में समय लग जाता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि निवासी चिकित्सक ही रिपोर्ट तैयार करते हैं। मेडिकल में 13 निवासी चिकित्सक सीट हैं, अर्थात 39 सीट्स है। इसके बाद भी यह समस्या बनी हुई है।
एमआरआई के लिए राशि मंजूर
मेडिकल की एमआरआई मशीन को 10 साल पूरे हो चुके हैं, ऐसे में इसके रख-रखाव पर खर्च अधिक करना पड़ेगा। इस बात को ध्यान में रखकर नई एमआरआई मशीन का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसे स्वीकृति मिल चुकी है। 3 टेस्ला की अपडेटेड मशीन मेडिकल में जल्द ही लगाई जाएगी।
समन्वय बनाने का निर्देश
डॉ.सजल मित्रा, अधिष्ठाता, मेडिकल के मुताबिक सीटी स्कैन की रिपोर्टिंग की समस्या है, उसे सुधारने की दिशा में काम किया जा रहा है। तीनों को आपस में समन्वय बनाने के लिए निर्देश दिए गए है। नई एमआरआई मशीन मंजूर हो चुकी है जल्द ही उसे लगाया जाएगा।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।