बयान से पलटा बर्खास्त वाझे, चांदीवाल कमेटी के सामने दाखिल हलफनामा हुआ रद्द  

Wajhe turn over statement, Anil Deshmukh had asked recover from  bar-restaurant
 बयान से पलटा बर्खास्त वाझे, चांदीवाल कमेटी के सामने दाखिल हलफनामा हुआ रद्द  
वसूली मामला  बयान से पलटा बर्खास्त वाझे, चांदीवाल कमेटी के सामने दाखिल हलफनामा हुआ रद्द  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर विस्फोटक लदी कार खड़ी करने व कारोबारी मनसुख हिरन हत्या मामले में आरोपी बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने चांदीवाल कमेटी के सामने हलफनामा दायर कर चौकानेवाले खुलासे किए हैं। वाझे ने कमेटी के सामने दायर हलफनामे में दावा किया है कि राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख व उसके सहयोगियों ने उसे बार व रेस्टोरेंट से पैसे वसूल करने के लिए कहा था। वाझे कमेटी के सामने दिए गए अपने पहले बयान से पलट गया है। हालांकि कमेटी ने वाझे के इस हलफनामे को रद्द कर दिया है। इस दौरान देशमुख के वकील गिरीष कुलकर्णी ने वाझे के हलफनामे का विरोध करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को तभी अपने बयान से पलटने की इजाजत दी जा सकती है जब उसकी दिमागी हालत ठीक न हो। लेकिन वाझे ने आवेदन स्वरुप अपने हलफनामे में डाक्टर का कोई ऐसा प्रमाणपत्र नहीं जोड़ा है जो दर्शाए कि जिरह के दौरान वाझे की दिमागी हालत 
ठीक नहीं थी जब उसने देशमुख को क्लिनचिट दी थी।    

कुलकर्णी ने कहा कि वाझे ने कुल तीन आवेदन किए। इसमें से एक आवेदन हलफनामे के स्वरुप में वाझे ने अपने बयान से पलटने के लिए किया। दूसरा आवेदन नए सबूत रिकार्ड में लाने के लिए और तीसरा आवेदन देशमुख से दोबारा जिरह करने की इजाजत मांगने के लिए किया है। कमेटी ने इस तीसरे आवेदन पर 15 फरवरी को सुनवाई रखी है। इन दलीलों को सुनने के बाद कमेटी ने वाझे के अपने बयान से पलटने की अनुमति मांगनेवाले हलफनामे को खारिज कर दिया है। कमेटी के इस निर्णय से वाझे को बड़ा झटका लगा है।                  

इससे पहले वाझे ने कमेटी के सामने जिरह के दौरान  देशमुख को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि देशमुख व उनके स्टाफ ने उससे कभी पैसे की वसूली के लिए नहीं कहा था। जिसे वह बदलना चाहता है।  बुधवार को अपने वकील के माध्यम से दायर 10 पन्ने के हलफनामे में वाझे ने कहा है कि देशमुख जब गृहमंत्री थे तो वे मेरे द्वारा दी गई जानकारी के बाद मार्च 2020 में अवैध रुप से बड़ी संख्या में स्टाक किए गए मास्क के खिलाफ की गई कार्रवाई से काफी खुश हुए थे। इसके बाद देशमुख ने मुझे पुलिस सेवा में फिर से बहाली के लिए निवेदन देने को कहा था। वाझे ने हलफनामे में कहा है कि वह जब न्यायिक हिरासत में तलोजा जेल में था तो उसे कोर्ट के आदेश के बावजूद मेडिकल उपचार, भोजन व दूसरी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया था। सर्जरी के बाद उसे फिजियोथेरिपी की सेवा नहीं दी गई है। उसे दोबारा डाक्टर के पास नहीं जाने दिया गया।

पुलिस हिरासत में किया गया प्रताड़ित 

वाझे ने दावा ने किया है कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने जब उसे गिरफ्तार किया था उस समय मुझ पर काफी दबाव था। इस दौरान मैं 15 दिनों तक पुलिस की हिरासत में था। पुलिस हिरासत के दौरान मुझे इस लिए मानसिक रुप से प्रताड़ित किया गया जिससे मेरी मनोदशा को प्रभावित किया जा सके। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख ने मुझे कई बार अलग-अलग तरीके से मानसिक रुप से प्रताड़ित व परेशान किया है। देशमुख के त्यागपत्र के बाद भी मुझे प्रताड़ित किया जाना जारी रखा गया। देशमुख ही नहीं उनके प्रतिनिधियों ने भी मुझे काफी प्रताड़ित किया है। जिससे अपराध शाखा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस हिरासत का विरोध नहीं कर सका। मैंने राकांपा नेता देशमुख का करीबी होने का खमियाजा भुगता है। देशमुख अब भी काफी शक्तिशाली हैं। 

वाझे ने हलफनामे में कहा है कि पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह सहित अन्य पुलिसवालों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज कर उन्हें फंसाया गया है। वाझे के मुताबिक सहायक पुलिस आयुक्त  संजय पाटिल भी दबाव तंत्र का शिकार हुए हैं। श्री पाटिल गवाह के रुप में कमेटी के सामने हाजिर हुए है। गौरतलब है कि देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार ने पूर्व न्यायाधीश के यू चांदीवाल की एक सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।  
 

Created On :   9 Feb 2022 3:33 PM GMT

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