गोदाम, मिलों में परखेंगे चावल की गुणवत्ता - राजस्व के साथ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट व फूड अधिकारी आज से शुरू करेंगे जांच

Warehouse, mills will check the quality of rice - Executive magistrate will investigate with revenue
गोदाम, मिलों में परखेंगे चावल की गुणवत्ता - राजस्व के साथ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट व फूड अधिकारी आज से शुरू करेंगे जांच
गोदाम, मिलों में परखेंगे चावल की गुणवत्ता - राजस्व के साथ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट व फूड अधिकारी आज से शुरू करेंगे जांच

डिजिटल डेस्क शहडोल । मिलों से गोदामों में पहुंचे घटिया चावल और नियम विरुद्ध तरीके से पीडीएस के लिए कराए जा रहे वितरण को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह ने मामले को गंभीरता को देखते हुए जिले के सभी मिलों तथा समस्त गोदामों में भण्डारित चावल की गुणवत्ता परखने के निर्देश जारी कर दिए हैं। राजस्व अधिकारियों के साथ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के रूप में तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा खाद्य विभाग और नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी मंगलवार से प्रत्येक राइस मिल तथा जहां-जहां चावल भण्डारित है उसकी गुणवत्ता जांचने का कार्य शुरु करेंगे। 
माना जा रहा है कि प्रशासन की इस पहल से गुणवत्ताहीन व तथा अपग्रेडेशन के तुरंत बाद सप्लाई करा देने के प्रयास पर रोक लग सकेगी और पीडीएस के जरिए गरीबों को अच्छा चावल खाने को मिल सकेगा। गौरतलब है कि एफसीआई द्वारा निरीक्षण के बाद जिले के गोदामों में भण्डारित 55 हजार क्विंटल से अधिक चावल को वितरण के अयोग्य पाते हुए मिलरों को वापस करने के निर्देश जारी किए थे। मिलरों को अपग्रेडेशन के बाद गोदामों में जमा कराना था। इसकी ग्रेडिंग के बाद ही वितरण कराना था, लेकिन इन नियमों को दरकिनार करते हुए मिल से आने के बाद वाला तथा गोदाम में रखा खराब चावल ही सप्लाई कराया जा रहा था।
टीम देखेगी बीआरएल चालक का कितना उठाव हुआ
संयुक्त टीम द्वारा मंगलवार से मिलों व गोदामों में जाकर परीक्षण का कार्य शुरु किया जाएगा। इस दौरान मिलों में जाकर देखा जाएगा कि बीआरएल चावल का कितना उठाव हुआ तथा अपग्रेशन के बाद कितना गोदामों तक पहुंचाया।  बीआरएल वह चावल है जो एफसीआई के निरीक्षण में 55 हजार क्विंटल से अधिक वितरण के अयोग्य पाया गया था। जिसे पुन: मिलरों को वापस कर अपगे्रड कराना था। निर्देश में नान को एक क्वालिटी कंट्रोलर भी रखने को कहा गया है। टीम के साथ गोदामों में जाकर देखा जाएगा कि भण्डारित चावल में से कितना हिस्सा अपगे्रड लायक है। कितनी मात्रा वितरण लायक है। इस परीक्षण के बाद यह स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि गोदामों में घटिया चावल भण्डारित करने में किसकी कितनी लापरवाही है। क्योंकि मिलिंग के बाद मौजूदा क्वालिटी निरीक्षकों की जिम्मेदारी थी कि चेक करने के बाद ही रखवाएं। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 
मिलर ही वहन करेंगे खर्च
जिन मिलों से आया 55 हजार क्ंिवटल चावल अनामक पाया गया है, वही मिलर उसे अपगे्रड करके गोदामों तक पहुंचाएंगे। जानकारी के अनुसार अभी तक मात्र 10 हजार क्विंटल चावल का उठाव ही मिलरों द्वारा किया गया है। निर्देश में शीघ्र उठाव कर अपग्रेड करने के बाद गोदामों में जमा कराने को कहा गया है। इस प्रक्रिया में जो भी खर्च आएगा वह मिलरों को ही वहन करना होगा।
इनका कहना है
राजस्व के साथ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, फूड व नान विभाग के अधिकारी मंगलवार से ही मिलों व गोदामों में जाकर स्थिति का जायजा लेंगे। अपग्रेडेशन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. सतेंद्र सिंह, कलेक्टर शहडोल

Created On :   6 Oct 2020 3:59 PM IST

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