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टॉयलेट एक प्रेमकथा फिल्म देखो और शौचालय निर्माण में लाओ गति
डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण में प्रगति लाने के लिए अब फिल्म का सहारा लिया जा रहा है। अक्षय कुमार की हालिया रिलीज फिल्म "टॉयलेट एक प्रेमकथा" जिले की समस्त ग्राम पंचायतों के सचिवों, ग्राम रोजगार सहायकों, पीसीओ तथा उपयंत्रियों को थियेटर में ले जाकर दिखाया जा रहा है ताकि वे स्वयं जागरुक हो सकें और गांवों में जाकर ग्रामीणों को शौचालय निर्माण कर उसकी उपयोगिता के बारे में बता सकें।
तीन दिन के लिए किया बुक
जिले की 393 ग्राम पंचायतोंं के सचिव, ग्राम रोजगार सहायकों, ब्लाक समन्वयक, उपयंत्रियों को फिल्म दिखाई जा रही है। उपरोक्त कर्मचारियों की संख्या 1260 से अधिक है। थियेटर की क्षमता एक बार में 329 के लिए बैठने की है। प्रशासन द्वारा बुधवार से लेकर शुक्रवार तक के लिए दो-दो शो बुक किए गए हैं।
इसलिए दिखा रहे फिल्म
स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि फिल्म एक सत्य घटना पर आधारित है। जिसमें दिखाया गया है कि सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ दाम्पत्य जीवन के जुड़ाव के लिए शौचालय कितना उपयोगी है। अभियान से जुड़े लोगों को इसके प्रति जागरुक बनाने का यह बेहतर तरीका हो सकता है। प्रशासन को लगता है कि कार्य को अंजाम देने वाले ही अभी जागरुक नहीं है। फिल्म देखकर जागरुक होगे जो तेजी के साथ शौचालय निर्माण में लग जाएंगे।
यह है जिले की स्थिति
शौचालय निर्माण को लेकर जिले की स्थिति अच्छी नहीं है। 393 में से 23 पंचायतें ही ओडीएफ हो पाई हैं। स्वच्छ भारत अभियान के पूर्व निर्मल भारत अभियान चलाया गया था इसमें भी अपेक्षानुरूप प्रगति नहीं आ सकी। जिले में 181937 परिवारों में से 99 हजार 99 परिवारों में शौचालय हैं। 82 हजार 838 परिवारों के लिए शौचालय बनने थे। अगस्त महीने तक 13 हजार 517 परिवारों के यहां ही शौचालय बन सके हैं। इनमें 12 हजार प्रति शौचालय के मान से 16.22 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। इनमें से सैकड़ों शौचालय अभी भी अधूरे पड़े हुए हैं। जागरुकता की कमी का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि जिनके यहां निर्माण हो भी चुके हैं तो उनका उपयोग स्टोर के रूप में किया जा रहा है।
Created On :   31 Aug 2017 6:53 PM IST