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राज्य के 3 हजार गांवों में लगाए जाएंगे वाटर प्यूरीफायर, राज्य में मंहगा हुआ पानी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ग्रामीण इलाकों के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार 3 हजार गांवों में आरओ ( वाटर प्यूरीफायर) लगाने की योजना तैयार की है। जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग ये मशीने उपलब्ध कराएगा। विभाग उन गांवों में आरओ मशीनें लगाएगा, जहां का पानी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। विभाग ऐसे गावों के बारे में जानकारी जुटाई है। राज्य के 700 गांव एसे हैं, जहां तुंरत इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है। जबकि विभाग 3 हजार गावों में यह सुविधा उपलब्ध कराना चाहता है। जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां के पानी में केमिकल की मात्रा अधिक है। इस संबध में राज्य के जलापूर्ति मंत्री बबनराव लोणीकर की वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार से बात हुई है। वित्त विभाग इस योजना के लिए निधी देने को तैयार है। अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों को खुले में शौच मुक्त घोषित करने का अभियान पूरा होने के बाद विभाग इस योजना पर कार्य करेगा।
राज्य में मंहगा हुआ पानी, प्राधिकरण ने जारी की नई दर
उधर महाराष्ट्र जल संपत्ति नियमन प्राधिकरण ने पानी की दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। पेयजल, खेतो की सिंचाई व उद्योगों के इस्तेमाल वाले पानी की दरों में वृद्धि की गई है। 7 वर्षों के बाद सरकार ने पानी के लिए शुल्क में बढ़ोतरी की है। प्राधिकरण के अध्यक्ष केपी बक्षी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय स्थित पत्रकार कक्ष में उन्होंने पानी की संशोधित दर जारी करते हुए बताया कि पानी की नई दरें पानी का इस्तेमाल करने वाली संस्थाओं, जल विशेषज्ञों, विभिन्न सरकारी विभाग व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद तय की गई है। उन्होंने बताया कि घरेलु पानी इस्तेमाल के लिए बांधों से पानी लेने वाली महानगरपालिका, नगरपालिका व ग्राम पंचायतों के लिए पानी सप्लाई मानक दर प्रति घनमीटर (1 हजार लीटर) क्रमश: 25 पैसे, 18 पैसे व 15 पैसे होगी। श्री बक्षी ने बताया कि पानी के इस्तेमाल पर नियंत्रण के लिए प्राधिकरण ने पानी शुल्क के लिए तीन चरण बनाए हैं। मंजूर पानी क्षमता से 115 से 150 फीसदी तक अधिक पानी के इस्तेमाल पर मानक दर से 1.50 गुना अधिक दर चुकाना होगा। मंजूर पानी इस्तेमाल से 140 फीसदी अधिक पानी का इस्तेमाल करने पर 2.0 गुना दर वसूल किया जाएगा।
बढ़ाई गई पानी इस्तेमाल की सीमा
पानी की नई दरें घरेलु व उद्योगिक के लिए 1 फरवरी से और सिंचाई के लिए ग्रीष्मकालिन खेती 2018 से लागू होगी। व्यक्तिगत किसानों के लिए पानी की दर खरीफ के लिए (प्रति 1 हजार लीटर) 4.50 पैसे , रवि-9.00 पैसे व ग्रीष्मकालिन खेती के लिए 13.50 पैसे की दर तय की गई है। ड्रिप सिंचाई को प्रोत्साहन देने के लिए दरों में 25 फीसदी छूट दी जाएगी। पानी की संशोधित दर तय करने के साथ ही उसके इस्तेमाल सीमा में भी बढ़ोतरी की गई है। अभी तक ग्राम पंचायतों के लिए 40 एलपीसीडी (दैनिक प्रति व्यक्ति लीटर) की सीमा तय की गई थी, इसे बढ़ा कर 55 लीटर प्रति व्यक्ति कर दिया गया है। क वर्ग की नगरपालिका के लिए 70 एलपीसीडी, ब वर्ग के लिए 100 एलपीसीडी, अ वर्ग नगरपालिका के लिए 125 एलपीसीडी, 50 लाख से कम जनसंख्या वाली महानगरपालिका के लिए 135 एलपीसीडी, 50 लाख से अधिक जनसंख्या वाली महानगरपालिका में पानी इस्तेमाल सीमा 150 एलपीसीडी रहेगी।
उद्योग के लिए दर
उद्योगों के लिए सीधे बांधों से पानी लेने पर प्रति घन मीटर 4.80 रुपए देने होंगे। जबकि कृषि उद्योग के लिए इस दर में 25 फीसदी की छूट मिलेगी। मिनरल वाटर, शीतपेय, बीयर उत्पादक उद्योगों के लिए प्रति घन मीटर 120 रुपए देना होगा। प्राधिकरण ने स्थानीय स्वराज संस्थाओं को गंदे पानी पर प्रक्रिया कर उसे बेचने की अनुमति प्रदान की है। खेती के लिए रिसायकलिंग पानी कम दर पर बेचनी होगी। प्राधिकरण के सदस्य विनय कुलकर्णी ने बताया कि पानी इस्तेमाल के आकड़े वेबसाईट पर जारी करने होंगे।
क्षेत्र पुरानी दरें नई दरें
ग्रामपंचायत क्षेत्र 13.2 पैसे 15 पैसे
नगरपालिका क्षेत्र 15.8 पैसे 18 पैसे
महानगरपालिका क्षेत्र 21 पैसे 25 पैसे
मिनरल, बीयर इत्यादि 16 रुपये 120 रुपये
उद्योग जगत 3.20 रुपये 4.80 रुपये
टाऊन शिप ---- 1.25 रुपये
(प्रति हजार लीटर के लिए)
Created On :   19 Jan 2018 9:23 PM IST