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दैनिक भास्कर हिंदी: महाराष्ट्र के 3699 गावों में टैंकर से हो रही जलापूर्ति - गहरा रहा सूखे का संकट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जलसंकट की गहराती स्थिति के बीच प्रदेश भर में 4774 टैंकरों से जलापूर्ति हो रही है। प्रदेश के 3699 गांवों और 8417 बस्तियों में जलापूर्ति के लिए टैंकरों का इस्तेमाल हो रहा है। जबकि पिछले साल इस दौरान महज 937 टैंकर लगे हुए थे। बीते साल सिर्फ 937 गांवों और 481 बस्तियों में पानी के लिए टैंकरों की जरूरत पड़ रही थी। प्रदेश में पिछले साल की तुलना में इस साल 3837 अधिक टैंकरो से पानी सप्लाई की जा रही है। सबसे अधिक मराठवाड़ा में 2534 टैंकर शुरू हैं। मंगलवार को राज्य सरकार के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जलसंकट की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पीने के पानी की व्यवस्था के लिए योजना बनाई गई है। मराठवाड़ा के जायकवाड़ी सहित अन्य जलाशयों के डेड-स्टॉक का इस्तेमाल किया जाएगा। जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के अनुसार मराठवाड़ा विभाग में 2534, उत्तर महाराष्ट्र विभाग में 1149, पश्चिम महाराष्ट्र विभाग में 757, अमरावती विभाग में 218, नागपुर विभाग में 30 और कोंकण विभाग में 86 टैंकर शुरू हैं।
4774 टैंकरों की सेवा, पिछले साल सिर्फ 937 टैंकर का हुआ था इस्तेमाल
औरंगाबाद के 686 गांवों और 258 बस्तियों में 1000 टैंकर, जालना के 384 गांव और 78 बस्तियों में 459 टैंकर, बीड़ के 553 गांवों और 291 बस्तियों में 761 टैंकर, परभणी के 28 गांवों और 9 बस्तियों में 42 टैंकर, हिंगोली के 24 गांवों और 8 बस्तियों में 38 टैंकर, नांदेड़ के 43 गांवों और 18 बस्तियों में 73 टैंकर, उस्मानाबाद के 95 गांवों और 7 बस्तियों में 123 टैंकर और लातूर के 28 गांवों और 8 बस्तियों में 38 टैंकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। नाशिक के 196 गांवों और 673 बस्तियों में 242 टैंकर, धुलिया के 33 गांव और 1 बस्ती में 28 टैंकर, नंदूरबार के 2 गांवों में 1 टैंकर, जलगांव के 160 गांवों में 146 टैंकर और अहमदनगर के 483 गांवों और 2722 बस्तियों में 732 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। अमरावती के 19 गांवों में 18 टैंकर, बुलढाणा के 182 गांवों में 188 टैंकर, यवतमाल के 5 गांवों में 12 टैंकरों का इस्तेमाल हो रहा है।
नागपुर के 26 गांवों में टैंकर से पानी सप्लाई
नागपुर के 26 गांवों में 28 और वर्धा के 4 गांव में 2 टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है। ठाणे के 39 गांवों और 129 बस्तियों में 28 टैंकर, रायगड के 30 गांवों और 130 बस्तियों में 20 टैंकर, रत्नागिरी के 20 गांवों और 40 बस्तियों में 6 टैंकर और पालघर के 36 गांवों 87 बस्तियों में 32 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। वहीं पुणे के 89 गांवों और 860 बस्तियों में 163 टैंकर, सातारा के 163 गांवों और 722 बस्तियों में 192 टैंकर, सांगली के 173 गांवों और 1071 बस्तियों में 179 टैंकर और सोलापुर के 198 गांवों और 1305 बस्तियों में 223 टैंकरों का उपयोग पानी के लिए किया जा रहा है।
विभाग टैंकरों की संख्या पिछले साल का आकड़ा
मराठवाड़ा 2534 556
पश्चिम महाराष्ट्र 757 10
उत्तर महाराष्ट्र 1149 118
अमरावती 218 179
नागपुर 30 6
कोंकण 86 68
कुल 4774 937
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।