- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- एंटीलिया मामले में गिरफ्तार हुआ...
एंटीलिया मामले में गिरफ्तार हुआ वाझे का साथी एपीआई काजी, सबूत नष्ट करने का आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के पास विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो खड़ी करने और मनसुख हिरेन हत्या मामले की छानबीन कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामले में सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काजी को गिरफ्तार कर लिया है। काजी पर मामले की साजिश रचने और सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। रविवार को उसे विशेष अवकाशीय अदालत में पेश किया गया, जहां एनआईए ने उसकी 10 दिन की हिरासत की मांग की। एनआईए के वकील ने कहा कि काजी उस समय मौजूद था जब वाझे ने सीपीयू और डीवीआर नष्ट किया था। जांच एजेंसी को सीसीटीवी फुटेज मिले हैं जिनमें काजी भी वाझे के साथ नजर आ रहा है। जांच एजेंसी ने दावा किया कि वाझे ने मामले में पूरी जानकारी नहीं दी है और इसे लेकर काजी से पूछताछ करनी है।सीडीआई और आईपीडीआर को लेकर भी काजी से पूछताछ की जानी है। जांच एजेंसी ने अदालत में कहा कि मामला सिर्फ मनसुख की हत्या तक सीमित नहीं है इसके लिए पैसे किसने दिए, जिलेटिन कहा से आया इसकी छानबीन की जानी है। काजी के वकील ने अदालत में कहा कि उसका मुवक्किल लगातार सहयोग कर रहा है और एनआईए उससे 20 दिन से पूछताछ कर रही है जिसमें सारी जानकारी दी जा रही है। काजी के वकील ने कहा कि उसके मुवक्किल को बली का बकरा बनाया जा रहा है।
दोनों पक्षों दलीलें सुनने के बाद अदालत ने काजी को 16 अप्रैल तक एनआईए हिरासत में भेजा है। इससे पहले वाझे के साथ क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में तैनात था, हालांकि फिलहाल उसे वहां से हटाकर लोकल आर्म्स यूनिट (एलए) में भेज दिया गया है। एनआईए इससे पहले काजी से कई दौर की पूछताछ कर चुकी है। उसे रात साढ़े 12 बजे गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि वाझे के इशारे पर काजी ने ठाणे की साकेत सोसायटी के सीसीटीवी फुटेज हासिल कर नष्ट करने की कोशिश की थी। वाझे ने वारदात से पहले कुछ दिनों तक यहीं वह स्कॉर्पियो खड़ी की थी जिसे बाद में जिलेटिन की छड़ें लादकर एंटीलिया के बाहर खड़ा किया गया था। इसके अलावा काजी ने फर्जी नंबर प्लेट बनवाने मेें वाझे की मदद की थी साथ ही उस गैरेज से डीवीआर हासिल कर नष्ट कर दिया था जहां से फर्जी नंबर प्लेट बनवाए गए थे। दुकान के बाहर की एक सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई काजी की तस्वीर भी एनआईए के हाथ लगी थी। विक्रोली के कन्नमवार नगर में स्थित में काजी के साथ दुकान का मालिक भी नजर आ रहा था। काजी ने कई सबूत नष्ट कर मीठी नदी में फेंके थे जिन्हें बाद में बरामद कर लिया गया था। मामले में एनआईए रियाजुद्दीन को सरकारी गवाह भी बना सकती है क्योंकि अपराध से जुड़े सारे राज उसे पता हैं।
Created On :   11 April 2021 6:38 PM IST