घरेलू बादल हुए मेरहबान, जमकर हुई बारिश, देशभर में मानसून की विदाई शुरू

Weather : Magic of Bengal will be seen again in Vidarbha
घरेलू बादल हुए मेरहबान, जमकर हुई बारिश, देशभर में मानसून की विदाई शुरू
घरेलू बादल हुए मेरहबान, जमकर हुई बारिश, देशभर में मानसून की विदाई शुरू

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में सुबह से ही बादल छाए रहे दोपहर बाद जोरदार बारिश हुई, जिसके बाद मौसम में ठंडक घुल गई। दिन में धूप की वजह से लगातार नमी बनने के कारण घरेलू बादल शुक्रवार को मेहरबान हो गए। जिले के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हुई। इससे मौसम भी थोड़ा ठंडा हो गया। हालांकि तापमान पर बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। विशेष यह कि 15 अक्टूबर तक मानसून खत्म हो जाता है। इस बार ऐसा नहीं है। एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, लेकिन उसमें देरी होने की वजह से विदर्भ में 20 अक्टूबर के बाद तक भी मानसून का असर देखने को मिल सकता है। शुक्रवार की शाम तक 20.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। उधर, मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मानसून के चलते कुछ स्थानों पर 20 अक्टूबर तक हल्की बारिश हो सकती है। 


शुक्रवार को 0.6 की गिरावट के साथ अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 2.9 डिग्री सेल्सियस कम है। 0.7 की बढ़त के साथ न्यूनतम तापमान 25.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

अमरावती और यवतमाल में जोरदार वर्षा

शुक्रवार को विदर्भ के कुछ जिलो में जोरदार वर्षा होने की खबर मिली है। अमरावती में बारिश के दौरान गाज गिरने से एक किसान की मौत भी हुई है। शुक्रवार को अमरावती तथा यवतमाल में जोरदार बारिश हुई।

चंद्रपुर जिले में भी सुबह के समय मेघ बरसे लेकिन दोपहर तक बारिश थम गई। अमरावती शहर के साथ ही जिले की  चिखलदरा, धारणी, तिवसा, अंजनगांव सुर्जी, दर्यापुर, भातकुली, चांदुर रेलवे तथा धामणगांव रेलवे तहसील में जोरदार बारिश ने दस्तक दी जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। दोपहर 1 बजे के दौरान तेज हवाओं के साथ मेघ बरस पड़े। इससे नवरात्रोत्सव की तैयारी में विघ्न पडऩे के साथ ही फसलें भी प्रभवित हुईं। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में काटकर रखीं फसलें भीग गईं। जिले के टाकरखेड़ा संभू से 4 कि.मी. दूरी पर स्थित खेत में काम कर रहे मनोज गोपाल कोठार (44) नामक किसान की गाज गिरने से मृत्यु हो गई। यवतमाल में भी शाम 4 बजे से जोरदार वर्षा होने की जानकारी मिली है।

चंद्रपुर में दोपहर के समय रिमझिम बारिश हुई जो कुछ देर बाद थम गई। कुछ ही समय बाद धूप निकल आई जिससे उमस बढ़ गई। 

कब, कितनी बारिश 

1 से 16 अक्टूबर तक नागपुर जिले में 37.3 मिलीमीटर दर्ज हुई, जो सामान्य से 14 फीसदी अधिक है। वहीं, विदर्भ में 37.9 मिलीमीटर दर्ज हुई, जो सामान्य से 3 फीसदी कम है। 

सरकारी आंकड़ों के हिसाब से मानसून सितंबर में ही खत्म हो जाता है। इसके पहले गुरुवार सुबह से ही बादलों का जमावड़ा लगा रहा। दोपहर में शहर के कुछ हिस्सों में अचानक तेज बारिश हुई। हालांकि इसका तापमान पर बहुत अधिक असर देखने को नहीं मिला था। गुरुवार को 0.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने से अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि 0.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के अनुसार बूंदाबांदी हो सकती है। साथ ही 17 अक्टूबर के करीब अच्छी बारिश की संभावना है।

जिले में ऐसी रही यह बरसात

महीना - बारिश हुई - औसत बारिश - फीसदी
जून - 188.1 - 166.3 - 13 फीसदी अधिक

जुलाई - 264.7 - 304.4 - 13 फीसदी कम
अगस्त - 407.8 - 281.3 - 45 फीसदी अधिक

सितंबर - 122.8 - 168.4 - 27 फीसदी कम

बारिश मिलीमीटर में रिकॉर्ड की गई है। जून से सितंबर 2020 के बीच नागपुर जिले में 920.4 मिलीमीटर औसत बारिश की अपेक्षा 983.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

देशभर से मानसून की विदाई शुरू

देशभर की बात करें तो सामान्य से नौ फीसदी से भी ज्यादा बारिश देने के बाद मानसून ने सोमवार को उत्तर भारत से विदाई शुरू कर दी। राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती जिलों से मानसून का वापस लौटना शुरू हुआ। मौसम विभाग ने मानसून वापसी के सभी संकेतों के मिलने के बाद इसकी घोषणा की। मानसून के लिए इसी साल से लागू नए कैलेंडर के मुताबिक इसे 17 सितंबर को ही वापस होना था लेकिन वापसी की शुरूआत 11 दिन की देरी से हुई है। बीते 60 वर्षों में यह दूसरी बार हुआ है कि लगातार दो वर्षों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। पिछले साल 2019 में 110 फीसदी और इस साल 109 फीसदी से अधिक बारिश दर्ज हुई है। 1959 और 1960 में भी लगातार दो वर्षों तक सामान्य से अधिक बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने कहा है कि अगस्त के आखिर में प्रशांत महासागर में कमजोर ला-नीना और जुलाई से हिंद महासागर में न्यूट्रल आईओडी बना हुआ है। अक्टूबर से दिसंबर तक अभी यही स्थिति जारी रहने की संभावना है, जिसके चलते अगले तीन महीनों के बारे में पूर्वानुमान है कि दक्षिणी राज्यों में इस बार सामान्य से कम बारिश दर्ज होगी और इस दौरान सामान्य से थोड़ा अधिक तापमान दर्ज होगा।

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि सोमवार को राजस्थान व पंजाब के सीमावर्ती हिस्सों में सतह से करीब डेढ़ किलोमीटर की ऊंचाई पर पछुआ हवाएं चलने लगीं। हवा में नमी का स्तर भारी मात्रा में कम हो चुका है और बीते पांच दिनों से इन इलाकों में पानी नहीं बरसने के चलते आधिकारिक रूप से यह मान लिया गया कि मानसून के वापसी की शुरूआत हो चुकी है। सोमवार को मानसून की विड्रावल लाइन पोखरन, जैसलमेर, बीकानेर, हनुमानगढ़ से लेकर बठिंडा व अमृतसर तक फैल चुकी थी और वह तेजी से दक्षिण-पूर्व दिशा में बढ़ रही है। उम्मीद है कि अगले दो दिन के अंदर उत्तर-पश्चिम भारत के पहाड़ी राज्यों को छोड़कर राजस्थान व पंजाब के बाकी हिस्सों, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के अनेक हिस्सों से भी वापस हो जाएगा। दक्षिण-पश्चिमी मानसून के समूचे देश से वापसी की तय तारीख 15 अक्टूबर है।

बीते पांच वर्षों में इस दिन वापस हुआ मानसून
वर्ष          तारीख

2019       9 अक्टूबर
2018       29 सितंबर
2017       27 सितंबर
2016       15 सितंबर
2015       4 सितंबर
अभी तक (28 सितंबर) 953.1 मिली बारिश हुई है जबकि सामान्य बारिश 872.3 मिमी होती है
 

 

Created On :   15 Oct 2020 9:58 PM IST

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