पीपीई किट, मास्क व दूसरे जैविक कचरे के निपटारे को लेकर क्या हैं निर्देशः हाईकोर्ट

What are instructions regarding disposal of PPE kits, masks-biological wastes: High Court
पीपीई किट, मास्क व दूसरे जैविक कचरे के निपटारे को लेकर क्या हैं निर्देशः हाईकोर्ट
पीपीई किट, मास्क व दूसरे जैविक कचरे के निपटारे को लेकर क्या हैं निर्देशः हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या उसने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण की ओर से जारी दिशा निर्देशों के तहत कोरोना मरीज से जुड़े पीपीई किट व मास्क तथा दूसरे जैविक कचरे को नष्ट करने के लिए महानगरपालिकाओ व जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि उन्होंने एक खबर पढ़ी है और वीडियो देखा है जिससे अस्पताल के एक कोने में इस्तेमाल किए गए पीपीई किट, मास्क व दूसरा कचरे का ढेर पड़ा। यह अस्पताल में आनेवाले व दूसरे मरीजों के लिए घातक है। ऐसे कचरे को अलग अलग करके नष्ट किया जाना चाहिए। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। क्या इसके तहत राज्य सरकार ने महानगरपालिकाओं व जिलाधिकारियों को एडवाइजरी जारी की है। खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। वहीं मूक बधिर लोगों के लिए विशेष मास्क उपलब्ध कराने से जुड़ी याचिका पर भी खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा। खंडपीठ ने अगली सुनवाई के दौरान मूकबधिर लोगों के लिए तैयार किए गए मास्क का नमूना पेश करने को कहा। इसके साथ ही सरकार से जानना चाहा है कि यह मास्क ऐसे लोगों तक कैसे उपलब्ध कराए जाएंगे। 

मूक-बधिर के लिए तैयार हुआ विशेष मास्क 

इससे पहले सरकारी वकील ने खंडपीठ को बताया कि मूक बधिर लोगो के लिए विशेष मास्क तैयार कर लिया गया है। भिखारियों व सड़कों पर रहने वाले लोगो को निशुल्क मास्क उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर खंडपीठ ने कहा भीख मांगने पर रोक लगाने वाले कानून को लागू करने का यह सही समय है। इससे महामारी को भी रोकने में मदद मिलेगी। इस विषय पर एक गैर सरकारी संस्था ने अधिवक्ता असीम सरोदे के मार्फत जनहित याचिका दायर की है। 

Created On :   13 May 2021 7:31 PM IST

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