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मास्क न पहनने को लेकर दर्ज मामलों पर क्या है सरकार की भूमिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि मास्क न पहनने के चलते दर्ज ऐसे आपराधिक मामले जिसमें आरोपी के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया जा चुका है, राज्य सरकार क्या भूमिका अपना रही हैॽ क्योंकि ऐसे अनेकों मामले हैं जो मास्क न पहनने के चलते दर्ज किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में साल 2021 में कोरोना के चलते लगाई गई कोई पाबंदियों का अब कोई अस्तित्व नहीं है। इसलिए इस मामले में सरकार का रुख जानना महत्वपूर्ण है।
न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने एक छात्र की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद उपरोक्त सवाल किया और अपने आदेश की प्रति राज्य के गृह विभाग के सचिव के सामने रखने का निर्देश दिया। आरोपी छात्र योगेश खंडारे के खिलाफ दहिसर पुलिस स्टेशन में सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क के खड़े होकर लोगों से बात करने के आरोप में दहिसर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज है। पुलिस ने खंडारे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 व बांबे पुलिस अधिनियम की धारा 37(1) व 135 के तहत मामला दर्ज किया है। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर खंडारे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में खंडारे ने दावा किया है कि इस मामले से उसकी शिक्षा व कैरियर प्रभावित हो सकता है। इसलिए उसके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द किया जाए।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ए एस पई ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है। इसलिए वे अभियोजन पक्ष की ओर से कोई बात नहीं कह सकती हैं। हालांकि सरकार यह तय कर सकती है कि इस तरह के मामले में क्या किया जा सकता है। इन दलीलों को सुनने व याचिका में छात्र द्वारा व्यक्त की गई परेशानी का आकलन करने के बाद खंडपीठ ने अपने इस आदेश की प्रति राज्य के गृह विभाग के सचिव के सामने रखने का निर्देश दिया और याचिका पर सुनवाई 13 सिंतबर 2022 तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   2 Sept 2022 7:16 PM IST