जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए नहीं मिल रहा उम्मीदवार तो पीएम कैंडीडेट कहां से लाओगे

When candidate is not being found for presidential election, then from where will you get the PM candidate
जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए नहीं मिल रहा उम्मीदवार तो पीएम कैंडीडेट कहां से लाओगे
शिवसेना का तंज जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए नहीं मिल रहा उम्मीदवार तो पीएम कैंडीडेट कहां से लाओगे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा के विरोधी खेमे में शामिल शिवसेना ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को एक मजबूत उम्मीदवार न मिलने पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने कहा कि लोग पूछेंगे कि जब विपक्ष को राष्ट्रपति पद के लिए कोई सुयोग्य उम्मीदवार नहीं मिल रहा तो प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थ प्रत्याशी कैसे दे पाएंगेॽ शिवसेना ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के  इंकार से विपक्षी गुब्बारे की हवा निकल गई है। पार्टी के मुखपत्र की संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी और नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला का नाम ‘‘अक्सर राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सामने आता है’’, लेकिन इनमें इस चुनाव को कड़े मुकाबले वाले चुनावी समर में तब्दील करने का ‘व्यक्तित्व या वजन’ नहीं है। उसने कहा कि दूसरी तरफ, ऐसी संभावना नहीं है कि सरकार कोई ‘तेजस्वी’ उम्मीदवार लाएगी, पांच साल पहले दो-तीन लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चुना और इस साल भी वे ऐसा ही कर सकते हैं। राष्ट्रपति कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और उनके उत्तराधिकारी के लिए 18 जुलाई को चुनाव होना है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया बुधवार को शुरू हो जाएगी। कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) समेत 17 दलों ने 15 जून को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया था, जिसका आयोजन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विरुद्ध संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर सहमति कायम करने के लिए किया था। इन दलों ने राकांपा सुप्रीमो शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव में उनका संयुक्त उम्मीदवार बनने की अपील भी की, लेकिन उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी  सूत्रों के अनुसार पवार ने 20-21 जून को मुंबई में विपक्षी दलों की एक दूसरी बैठक बुलायी है। शिवसेना ने कहा कि यदि पवार नहीं तो फिर कौन? यदि इस प्रश्न का उत्तर ढूंढने का कार्य छह महीने पहले किया गया होता तो उससे इस चुनाव के प्रति विपक्ष की गंभीरता झलककर सामने आयी होती। यदि विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव के लिए मजबूत उम्मीदवार खड़ा नहीं कर सकता है तो वह 2024 में समर्थ प्रधानमंत्री कैसे दे सकता है। यह सवाल लोगों के दिमाग में तो आएगा ही।

 

Created On :   17 Jun 2022 7:31 PM IST

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