500 ग्राम पंचायतों में फ्री वाई-फाई सेवा ठप, 200 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क का टोटा

Wifi service worth of crores stopped in about 500 gram panchayats
500 ग्राम पंचायतों में फ्री वाई-फाई सेवा ठप, 200 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क का टोटा
500 ग्राम पंचायतों में फ्री वाई-फाई सेवा ठप, 200 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क का टोटा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डिजिटल इंडिया का सपना संजोते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को इंटरनेट सेवा से जोड़ने के लिए वर्ष 2016 में सभी ग्राम पंचायतों में फ्री वाई-फाई सेवा शुरू करने की घोषणा की थी। नागपुर जिले से इसका शुभारंभ किया गया। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के दत्तक ग्राम पांचगांव में पहली फ्री वाई-फाई सेवा शुरू की गई। इसके बाद जिले की सभी ग्राम पंचायतों में वाई-फाई के मॉडम लगाकर इंटरनेट से जोड़ा गया।

इंटरनेट सेवा से जुड़ने के बाद करोड़ों रुपए की यह सेवा मुश्किल से एक साल ठीक-ठाक चली। आज लगभग 500 ग्राम पंचायतों में सेवा पूरी तरह ठप हो गई है, तो 200 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क ही जल्दी नहीं मिल पाता। स्थिति यह है कि  वहां कम्प्यूटर ऑपरेटर अपने मोबाइल से इंटरनेट कनेक्ट कर काम चला रहे हैं। 

अगस्त 2016 में जिले की ग्राम पंचायतों में वाई-फाई कनेक्शन लगाकर इंटरनेट सेवा से जोड़ा गया। नागपुर तहसील 67, कामठी 47, काटोल तहसील की 83 ग्राम पंचायतों में से 35, हिंगना 53, कलमेश्वर 50, सावनेर 75, पारशिवनी 51, मौदा 62, रामटेक 45, उमरेड 47, भिवापुर 56, कुही 58, नरखेड़ तहसील में 70 ग्राम पंचायतों को वाई-फाई कनेक्शन लगाए गए हैं। इसमें से कितने चालू है, कितने कनेक्शन से सेवा मिल रही है, इस बात की पंचायत विभाग के किसी भी अधिकारी के पास जानकारी नहीं है।

रिकार्ड चेक करते हैं
ग्राम पंचायतों में लगाए गए वाई-फाई कनेक्शन कितने चालू हैं, कितने बंद पड़े हैं इसका आंकड़ा रिकार्ड देखने के बाद ही बता पाऊंगा। 
(प्रकाश जनबंधु, अकाउंट ऑफिसर, बीएसएनएल)

सुविधा के लिए शुरू की सेवा

खेती का सात-बारा, बैंक खाता खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन भरने, विद्यार्थियों को विविध परीक्षाओं के आवेदन भरने, स्कूलों व आंगनवाड़ियों की दैनिक जानकारी ऑनलाइन भरने आदि सुविधा गांव में ही उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह सेवा शुरू की गई थी।

नेटवर्क का दायरा
संपूर्ण गांव में नेटवर्क के लिए ग्राम पंचायत क्षेत्र में अलग-अलग सरकारी इमारतों में राउटर लगाए गए। एक राउटर की नेटवर्क क्षमता 100 मीटर है। इस दायरे में आने वाले 50 से 60 मोबाइल कनेक्शन को इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है। गांव के विस्तार के हिसाब से एक से अधिक राउटर लगाए गए हैं।

ऑपरेटर नियुक्त किए 
ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर लगाकर ऑपरेटर नियुक्त किए गए हैं। स्कूल, आंगनवाड़ियों में विद्यार्थियों की उपस्थिति तथा पोषण आहार की दैनंदिन जानकारी ग्राम पंचायत में लगाए गए कम्प्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन भरने की सख्ती की गई है। ऑपरेटर का मानधन ग्राम पंचायतों को मिलने वाले 14वें वित्त आयोग की निधि से हर महीने 12 हजार के हिसाब से रकम वसूल की जा रही है। 

फाइबर कट
ग्राम पंचायतों को वाई-फाई सेवा आपूर्ति के लिए फाइबर ऑप्टिक केबल डाले गए हैं। विविध विकास कार्यों के कारण फाइबर ऑप्टिक केबल कट जाने से वाई-फाई सेवा ठप हो गई है। जिले में विविध स्थानों पर फाइबर कट की समस्या बार-बार आ रही है।

इलेक्ट्रिक फ्लक्च्यूएशन
इलेक्ट्रिक सप्लाई का दबाव कम-ज्यादा हाेने पर वाई-फाई डिवाइस हैंग हो जाती है। इसे बंद कर पुन: चालू करनी पड़ती है, तब जाकर इंटरनेट नेटवर्क पूर्ववत मिलता है। ग्रामीण क्षेत्र में इलेक्ट्रिक फ्लक्च्यूएशन की समस्या एक बड़ा कारण है।

टेलीफोन बिल बकाया
टेलीफोन सेवा से वाई-फाई कनेक्शन को जोड़ा जाता है। टेलीफोन बिल बकाया रहने पर वाई-फाई सेवा बंद हो जाती है। अनेक ग्राम पंचायतों के टेलीफोन बिल बकाया रहने से वाई-फाई सेवा ठप हो गई है।

Created On :   7 Aug 2018 7:55 AM GMT

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