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जंगली हाथियों ने एक ही परिवार के तीन लोगों को कुचला मृतकों में 4 वर्षीय मासूम भी शामिल

डिजिटल डेस्क अनूपपुर/कोतमा। वन परिक्षेत्र बिजुरी अंतर्गत बेलगांव बीट के पतेरा टोला में जंगली हाथियों ने बुधवार देर रात एक ही परिवार के तीन लोगों को कुचल दिया। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में दया प्रसाद केवट उम्र 55 वर्ष, उसकी पत्नी मुन्नीबाई केवट उम्र 45 वर्ष एवं पोता पूरन केवट उम्र 4 वर्ष शामिल है। घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। घटना रात करीब 1 बजे की है। घटना के समय तीनों अपनी झोपड़ी में सो रहे थे। हाथियों के समूह ने झोपड़ी को भी तहस-नहस कर डाला है। गुरुवार तड़के ग्रामीणों ने वन विभाग को घटना की जानकारी दी। इसके बाद वन अमला मौके पर पहुंचा। वन कर्मचारियों ने ग्रामीणों की मदद से हाथियों के दल को वापस खदेड़ा। फिलहाल हाथियों का दल छत्तीसगढ़ की सीमा में जा चुका है। उनकी लोकेशन मनेंद्रगढ़ रेंज के कूटा बिछली के जंगल में हैं। बताया जाता है कि छग वन अमले के द्वारा समय पर हाथियों के मूवमेंट की जानकारी अनूपपुर वन अमले को नहीं दी गई, जिसकी वजह से यह घटना हो गई।
आश्रितों को 12 लाख का मुआवजा
घटना की सूचना मिलने के बाद सीसीएफ पीके वर्मा, डीएफओ अनूपपुर डॉ. एए अंसारी, एसडीएम कोतमा ऋषि सिंघई, एसडीओपी कोतमा, विधायक कोतमा सुनील सराफ मौके पर पहुंचे। सीसीएफ ने मृतकों के आश्रितों को 12 लाख रुपए के मुआवजे की राशि का चेक देते हुए अंतिम संस्कार की व्यवस्था करवाई। वन अमला अभी भी गांव में डटा हुआ है तथा ग्रामीणों को घरों से बाहर ना निकलने एवं बेवजह जंगल की ओर न जाने को कहा गया है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 24 अगस्त को सात हाथियों का दल जिसमें 5 वयस्क एवं दो बच्चे शामिल है, केल्हारी छग के जंगल से होते हुए प्रदेश के कलुआही के जंगल में प्रवेश कर गया था। 25 अगस्त को शाम 7 बजे वन अमले को जानकारी लगी थी कि हाथियों का दल धवई टोला निवासी रामप्रसाद गोड़ के घर के बाहर दीवार को तोड़ते हुए आगे बढ़ गया है। इससे पूर्व 24 अगस्त को जिले की सीमा में हाथियों के दल को सक्रिय देखा गया था।
छत्तीसगढ़ वन विभाग ने नहीं दी जानकारी
अनूपपुर डीएफओ डॉक्टर एए अंसारी ने बताया कि 25 अगस्त को दिनभर जंगली हाथियों का मूवमेंट मध्य प्रदेश की सीमा के बेलगांव बछौली में थी। ग्रामीणों की मदद से हाथियों को छत्तीसगढ़ की सीमा की ओर खदेड़ दिया गया था। साथ ही छत्तीसगढ़ वन अमले को इसकी जानकारी भी दे दी गई थी लेकिन जंगली हाथी छत्तीसगढ़ की सीमा के दूसरे रास्ते होते हुए फिर से मध्य प्रदेश की सीमा पर लौट आए। डीएफओ ने बताया कि छत्तीसगढ़ वन अमले द्वारा समय पर अनूपपुर वन अमले को जानकारी नहीं दी गई इसलिए जंगली हाथियों का मूवमेंट नहीं मिल पाई और यह घटना घटित हो गई। हाथियों के हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है। गांव वालों को अलर्ट कर दिया गया है कि अनावश्यक जंगल में न जाएं।
Created On :   26 Aug 2021 5:54 PM IST