पुणे मंडल में 100 फीसदी विद्युतिकरण से रेलवे को हो रही हर साल 246 करोड़ की बचत
डिजिटल डेस्क, मुंबई. पुणे मंडल के विद्युतिकरण के चलते रेलवे हर साल 246 करोड़ रुपए की बचत कर रही है। पुणे मंडल के पूरे 531 किलोमीटर के रेलमार्ग का विद्युतिकरण पूरा किया जा चुका है। इससे हर साल औसतन 2303 किलोलीटर ईंधन की हर महीने बचत हो रही है। साथ ही विद्युतिकरण से 0.733 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम किया गया है। दरअसल पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन डेक्कन क्वीन बांबे और पुणे के बीच 1 जून 1930 को ही चल गई थी। इस खंड को 1500 वोल्ट डीसी पर विद्युतिकरण किया गया था लेकिन 2004 में मध्य रेलवे ने पुणे मंडल के डीसी ट्रैक्शन को एसी ट्रैक्शन में बदलने का काम शुरू किया। और यह काम 2009 में पूरा हुआ। इसके बाद 2014 से 2019 के बीच पहले दौंड और फिर बारामती तक के खंड का विद्युतिकरण पूरा हुआ और साल 2022 तक पूरे मंडल का विद्युतिकरण पूरा हो गया जिसमें पुणे से कोल्हापुर, लोनंद से फलटक के बीच का काम भी शामिल था। इसके बाद अब शताब्दी एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस, डेक्कन क्वीन, झेलम एक्सप्रेस, दूरंतो एक्सप्रेस, गोवा एक्सप्रेस जैसी 11 जोड़ी मेल और एक्सप्रेस गाड़ियां अब इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलती हैं। पुणे मंडल रेल प्रबंधक इंदुरानी दुबे के मुताबिक साल 2014 के बाद विद्युतिकरण की गति 9 गुनी रफ्तार से बढ़ी है। रेलवे ने सभी ब्रॉडगेज मार्गों के विद्युतिकरण की योजना बनाई । जिससे आयातित डीजल की खपत काफी कम हो जाएगी जो और विदेशी मुद्रा की बचत होगी। दुबे ने कहा कि कोशिश है कि भारतीय रेल को दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे बनाया जाए। इसके लिए मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। रेलवे 2030 से पहले शून्य कार्बन उत्सर्जक बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उनके मुताबिक विद्युतिकरण से रफ्तार और झमता तो बढ़ी ही है परिचालन की लागत भी कम हुई है।
Created On :   5 March 2023 9:33 PM IST