जापान-सिंगापुर की तकनीक से नागपुर, औरंगाबाद और नाशिक में बनेंगे किफायती घर

With Japan-Singapore technology affordable house will construct in Nashik, Nagpur, Aurangabad
जापान-सिंगापुर की तकनीक से नागपुर, औरंगाबाद और नाशिक में बनेंगे किफायती घर
जापान-सिंगापुर की तकनीक से नागपुर, औरंगाबाद और नाशिक में बनेंगे किफायती घर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र गृहनिर्माण विकास महामंडल के माध्यम से नागपुर, औरंगाबाद, नाशिक, पुणे और पनवेल में एक लाख नए घर बनाए जाएंगे। घरों के निर्माण कार्य के लिए गृहनिर्माण महामंडल जापान और सिंगापुर सरकार की किफायती घर बनाने की तकनीक अपनाएगी। गृहनिर्माण विकास महामंडल के सह अध्यक्ष राजेंद्र मिरगणे ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी। मिरगणे ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पांचों शहरों में 20-20 हजार घरों की आवासीय परियोजना होगी। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस), निम्न आय समूह (एलआईजी) मध्यम आय वर्ग -1 (एमआईजी) और मध्यम आय वर्ग का सामवेश होगा। सभी घरों का आवंटन लॉटरी पद्धति से किया जाएगा। पांचों शहरों की आवासीय परियोजनओं का शुभारंभ तीन महीने के भीतर कर लिया जाएगा। इसके बाद 1 लाख घरों का निर्माण अगले 2 साल में करने का लक्ष्य है। 

नागपुर में बनेंगे 20 हजार घर 

मिरगणे ने कहा कि नागपुर में 20 हजार घर बनाने के लिए भूंखड अगले 20 दिनों में चिन्हित कर लिया जाएगा। इसके लिए नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण से बातचीत चल रही है। पुणे में पीएमआरडीए ने 350 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी है। जबकि औरंगाबाद, नाशिक और पनवेल में जमीन को खोज कि जा रही है। मिरगणे ने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी जगहों के लिए राज्य सरकार के राजस्व विभाग की जमीन मिल जाए। यदि राजस्व विभाग से जमीन उपलब्ध नहीं हो पाएगी तो दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा। मिरगणे ने कहा कि पांचों आवासीय परियोजनाओं का कुल खर्च जमीन मिलने के बाद ही पता चल सकेगा। मिरगणे ने कहा कि महामंडल के माध्यम से बनाए जाने वाले घरों के लिए जापान और सिंगापुर सरकार की सरकारी कंपनी की आधुनिक तकनीक कि मदद ली जाएगी। इसके लिए करार किया जाएगा। 

सरकार के गृहनिर्माण विभाग के अफसरों और जापान और सिंगापुर सरकार की कंपनियों से एक दौर की बैठक हो चुकी है। मिरगणे ने कहा कि जापान और सिंगापुर की तकनीक से घरों के निर्माण में गुणवत्ता आएगी साथ ही समय की बचत होगी और लागत भी कम आएगी। मिरगणे ने कहा कि गृहनिर्माण महामंडल की तरफ से बनाए जाने वाले घरों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2.50 लाख रुपए की मदद मिल सकेगी। पंजीकृत कामगारों को 2 लाख अतिरिक्त रुपए मिलेगे यानी उन्हें कुल 4 लाख 50 हजार रुपए घर खरीदने के लिए मिलेंगे। जबकि बाकी वर्ग समूहों के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्क्रीम का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि आवासीय परियोजना संबंधित नगर निकाय से मंजूरी मिलने के बाद लॉटरी निकाली जाएगी। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लाभार्थी को घर दे दिए जाएंगे। 

मिरगणे ने बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत साल 2022 तक 19 लाख 40 हजार घर बनाने का लक्ष्य है। जिसमें से 5 लाख घरों का गृहनिर्माण महामंडल के जरिए बनाए जाएंगे। इसमें पहल चरण में पांच शहरों में 1 लाख घर बनाने का फैसला किया गया है। गृहनिर्माण महामंडल केवल 5 हजार से अधिक घरों वाले आवासीय मेगा परियोजनाओं का काम करेगा।
 

Created On :   4 Jan 2019 2:26 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story