- कोलकाता अग्निकांड: MP सीएम शिवराज सिंह ने जताई संवेदना
- कोलकाता अग्निकांड: मरने वालों के परिजनों कोे दो-दो लाख के मुआवजे का पीएम मोदी ने किया ऐलान
- आज असम के CM सर्बानंद सोनोवाल माजुली विधानसभा से अपना नॉमिनेशन भरेंगे
- आज दिल्ली विधानसभा में 'आप' सरकार पेश करेगी बजट
- आज भारत-बांग्लादेश के बीच बने 'मैत्री सेतु' का उद्घाटन करेंगे PM मोदी
लाठियों से पीटकर महिला की हत्या - चार साल पहले हो गई पति की मौत, रिश्तेदारों पर ही हत्या का संदेह

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। अमरवाड़ा थाना क्षेत्र में आमाकोल के जंगल में सोमवार की सुबह एक महिला की लाश मिलने से हड़कंप मच गया। महिला की हत्या लाठियों से पीटकर किये जाने की आशंका जताई जा रही है। महिला का शव जंगल के करीब ही एक खेत के पास पड़ा हुआ था, जिसकी सूचना खेत मालिक के माध्यम से पुलिस को मिली है। मिली जानकारी के अनुसार अमरवाड़ा थाना क्षेत्र के आमाकोल के पास सुबह एक महिला का शव देखकर पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही अमरवाड़ा थाना प्रभारी शशि विश्वकर्मा ने पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचकर शव बरामद किया और उसकी शिनाख्त कराई है। महिला तामिया थाना क्षेत्र के चुरईडोंगरी निवासी रंगबती बाई पति मधुभान धुर्वे उम्र 40 वर्ष बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार महिला की शिनाख्त उसकी सौतेली बेटी और दामाद ने की है। महिला की हत्या लाठियों से पीटकर किए जाने की आशंका जताई जा रही है। पु़लिस ने घटना पर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ धारा 302,201 आईपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज कर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है।
हत्या कर शव जंगल में फेंके जाने का संदेह
पुलिस की प्राथमिक जांच में यह मामला हत्या कर शव को जंगल में फेंके जाने का प्रतीत हो रहा है। मृतिका तामिया थाना क्षेत्र के चुरई डोंगरी की निवासी है। अमरवाड़ा थाना क्षेत्र में उसका शव बरामद किया गया है। आशंका है कि हत्यारों ने हत्या के बाद महिला का शव यहां लाकर फेंका है। पुलिस के अनुसार इस मामले में जांच की जा रही है। कुछ संदेहियों से भी पूछताछ पुलिस ने शुरू की है।
संपत्ति विवाद हो सकता है हत्या का कारण
चुरई डोंगरी निवासी मृतिका के पति की मौत लगभग चार साल पहले हो चुकी है। उसकी संपत्ति को लेकर भी परिवार वालों से विवाद सामने आ रहे हैं। महिला की हत्या के पीछे संपत्ति विवाद भी कारण हो सकता है। इस अंधे हत्याकांड में पुलिस हर हत्या के हर पहलू पर जांच में जुटी हुई है। महिला की शिनाख्त होने के बाद अब हत्यारों तक पहुंचने का रास्ता भी साफ हो गया है।
इनका कहना है---
अंधे हत्याकांड में महिला की शिनाख्त करा ली गई है, हत्या के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं, जिन पर जांच की जा रही है। जल्द ही हत्या के आरोपियों को बेनकाब किया जाएगा।
-शशि विश्वकर्मा, थाना प्रभारी अमरवाड़ा।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।