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बाघ से लड़ते-लड़ते युवती की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों में आक्रोश
डिजिटल डेस्क शहडोल। सामने बाघ को देखकर अच्छे-अच्छों की घिग्घी बंध जाती है। लेकिन अंजू नामक युवती ने बहादुरी का परिचय देते हुए अकेले से बाघ से भिड़ गई। इसमें वह अपनी जान तो नहीं बचा पाई, लेकिन साथी महिलाओं को कुछ नहीं हुआ।
यह घटना शनिवार को जिले के पपौंध थाना क्षेत्र के ग्राम बरा में घटित हुई। जहां 19 वर्ष की अंजू सिंह गोंड़ की बहादुरी की चर्चा हो रही है। दरअसल पारस गोंड की पुत्री अंजू ङ्क्षसह आज दोपहर अपने कुछ महिला साथियों के साथ नजदीक ही पपरोड़ जंगल की ओर लकडिय़ां लेने गई थी। लकड़ी चुन ही रही थी, झाडिय़ों के बीच से एक बाघ समाने आ खड़ा हुआ। अंजू को लगा कि जान बचाना मुश्किल है, क्यों न इसका मुकाबला किया जाए। वह भागी नहीं और सामने खड़ी हो गई। बाघ ने झपट्टा मारा, हाथ में लकड़ी लिए अंजू ने मुकाबला किया। यह देखकर साथी महिलाएं भागकर गांव वालों को बुलाया। करीब 5-10 मिनट में लोग पहुंच गए। तब तक बाघ अंजू को घसीटकर जंगल की ओर ले जा रहा था। उसके दांत युवती के गर्दन में गड़ चुके थे। कुछ देर बाद अंजू ने दम तोड़ दिया।
इलाके में बार-बार हो रहे बाघों के हमले को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया। शव को उठाने के पूर्व सुरक्षा व मुआवजा की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंचे एसडीओपी ब्यौहारी भविष्य भास्कर व वन विभाग के अधिकारियों ने समझाइश देकर मामला शांत कराया।
माह की दूसरी घटना-
ब्यौहारी इलाके में इस माह बाघ के हमले की यह दूसरी घटना है। बीते 7 दिसंबर को बोचरो गांव में 12 वर्षीय रोहित कुमार पिता फूलचंद पनिका को बाघ उठा ले गया था। जिसका शव दूसरे दिन जंगल में मिला था। इसके करीब बीस दिन पहले आखेटपुर गांव में एक महिला को बाघ ने उसके घर के सामने से उठा लिया था। इसके पहले कोईलारी गांव में घर से कुछ ही दूरी पर एक व्यक्ति को बाध उठा ले गया। दोनों के क्षतविक्षत शव जंगल के भीतर से बरामद किए गए थे।
Created On :   20 Dec 2020 11:18 PM IST