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वेस्ट को बनाया बेस्ट: महिलाओं ने गांव का कूड़ा-कचरा जमा कर बनाई खाद
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। महिलाएं चाहे तो क्या नहीं कर सकती है, इसका ताजा उदाहरण चामोर्शी तहसील की तलोधी गांव की महिलाओं ने दिया। त्योहार के दौरान लोगों द्वारा फेंके गए कूड़ा-कचरे को जमा कर करीब डेढ़ लाख रुपए की खाद तैयार की। एक ओर गड़चिरोली जिला पूरी तरह उद्योग विरहित है। ऐसे में जिले में बेरोजगारों की फौज बढ़ रही है। दूसरी ओर तलोधी की महिलाओं ने बेरोजगारी पर मात करते हुए कूड़ा-कचरा जमा कर लाखों रुपए का खाद निर्माण किया है। यही नहीं इस व्यवसाय के माध्यम से करीब 13 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। तलोधी की महिलाओं को इस कार्य के लिए गड़चिरोली के महिला आर्थिक विकास महामंडल का महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
अनेक संकट, फिर भी नहीं मानी हार
प्रकल्प के शुरुआत से ही गांव की महिलाओं को अनेक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी महिलाओं ने हार न मानने हुए अपना काम निरंतर जारी रखा। कचरा उठाने में महिलाओं का विरोध किया जा रहा था। इसके बाद खाद निर्माण के शेड की अनेक सामग्री चोरी गई। वहीं महिलाओं के कार्य में बाधाएं पहुंचाने के लिए प्रकल्प परिसर में अस्वच्छता फैलाकर महिलाओं का मनोबल कम करने का प्रयास किया गया। बावजूद इसके महिलाओं ने अपना कार्य निरंतर जारी रख सफलता हासिल की।
पहले विरोध, अब सब कर रहे सहयोग
शुरूआत में महिलाओं द्वारा कूड़ा-कचरा उठाए जाने पर ग्रामीणों ने विरोध किया। इस पर प्रकल्प की महिलाओं ने कचरे से होनेवाली बीमारी, गदंगी और बदबू के संदर्भ में जानकारी देकर लोगों का मन बदलने का प्रयास किया। शुरुआत में इस कार्य के लिए 40 परिवार तैयार हुए। अब गांव के 257 परिवारों के माध्यम से कूड़ा-कचरा उठाया जा रहा है। इस प्रकल्प अंतर्गत 19 गट तैयार किए गए हैं जिसमें 10 महिलाएं और 3 पुरुष काम कर रहे हैं।
बढ़ने लगी आमदनी
वर्ष 2015 में 3 लाख 49 हजार 67 रुपए की केंचुआ खाद बनाने का शेड व पानी की टंकी की अव्यवस्था होने की खबरें भी प्रकाशित होती रही है। इसके बाद महिला आर्थिक विकास महामंडल की वरिष्ठ जिला समन्वयक कांता मिश्रा ने इन वस्तुओं का उपयोग करने की ठानी। दूसरी ओर कुछ कारणों के चलते ग्रापं ने यह प्रकल्प नहीं किया। उधर मिश्रा ने यह प्रक्रिया पूर्ववत शुरू रखने के लिए गांव में महिलाओं का बचत समूह तैयार किया। इस कार्य में कृषि विभाग का भी महत्वपूर्ण योगदान मिला। इसके बाद महिला आर्थिक विकास महामंडल के तेजश्विनी महाराष्ट्र ग्रामीण महिला सक्षमीकरण कार्यक्रम अंतर्गत खाद निर्माण करने का प्रयोग दोबारा शुरू किया गया। इसके लिए श्रमसाफल्य लोकसंचालित साधन केंद्र, तेजस्विनी महिला किसान संघ के माध्यम से तलोधी में गाड़गेबाबा कचरा प्रबंधन व खाद उत्पादक गट तैयार किया गया। वर्तमान में महिलाओं ने माविमं की सहायता से करीब डेढ़ लाख रुपए रुपए की खाद का नर्माण किया है। इस खाद की मांग भी काफी बढ़ गई है। महिलाओं द्वारा तैयार की गई खाद को एक-दो किलोग्राम के पैकेट में तैयार कर किसानों को बेचा जा रहा है। इससे प्रकल्प की महिलाओं की आमदनी बढ़ रही है।
Created On :   20 Oct 2017 5:12 PM IST