गड़चिरोली में लाख से बनी चूड़ियां अब मध्य प्रदेश में बिकेगी

Women in Gadchiroli district are making bangles from lacs
गड़चिरोली में लाख से बनी चूड़ियां अब मध्य प्रदेश में बिकेगी
गड़चिरोली में लाख से बनी चूड़ियां अब मध्य प्रदेश में बिकेगी

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली।  उद्योग विहीन गड़चिरोली जिले में रोजगार के साधन काफी कम है। यही वजह है कि दुर्गम क्षेत्र के मजदूर रोजगार तलाशने अपने परिवार को छोड़ बाहरी राज्य में जाते हैं। ऐसे में लोगों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए भामरागड़ वनविभाग ने एटापल्ली तहसील के अनेक गांवों की महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर प्रदान किया है। वनविभाग की ओर से यहां पर आदिवासी महिलाओं को लाख की चूड़ियां बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे महिलाओं को घर बैठे रोजगार उपलब्ध होने से उन्हें अब रोजगार की तलाश में दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा।  महिलाओं को करीब 15 दिनों तक प्रशिक्षण देकर उन्हें चूड़ियां तैयार कराने में समक्ष बनाया जा रहा है। महिलाओं की किस्मत चमकाने वाले इस कार्य के लिए भामरागड़ वनविभाग के इस कार्य की सराहना की जा रही है। 
 

वनसंपदा का रोजगार के लिए उपयोग

गड़चिरोली जिले में प्रचूर मात्रा में वनसंपदा है। वनसंपदा पर उद्योग निर्माण करने पर दुर्गम और अतिदुर्गम क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को रोजगार प्राप्त हो सकता है। ऐसी ही एक पहल भामरागड़ वनविभाग के उपवनसंरक्षक चंद्रशेखरन बाला ने की है। उन्होंने दुर्गम क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लाख के माध्यम से चूड़ियां तैयार करने के प्रशिक्षण की संकल्पना की। इस कार्य के लिए उन्होंने मध्यप्रदेश की बहुउद्देशीय रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट संस्था मंगेझरी बालाघाट से संपर्क किया और संस्था की डुलनदेवी पारधी स्वयं  एटापल्ली तहसील में उपस्थित होकर यहां की आदिवासी महिलाओं को  लाख के माध्यम से चूड़ियां तैयार करने का प्रशिक्षण दे रही है। 

पलस और कोसबा नामक जाति से पेड़ से लाख तैयार किया जाता है। इस लाख से चूड़ियां तैयार की जाएगी। भामरागड़ वनविभाग के एटापल्ली वनपरिक्षेत्र कार्यालय अंतर्गत गेदा गांव की प्रबंधन समिति ने परिसर के गांवों की महिलाओं को लाख के माध्यम से चूड़ियां तैयार करने का प्रशिक्षण देना शुरू किया है। इस प्रशिक्षण में गेंदा, चंदनवेली, जिवनगट्टा, तांबड़ा, दोड्डी, दोड्डी टोला आदि अति दुर्गम गांवों की महिलाएं शामिल हुईं।  इस प्रयास एटापल्ली तहसील की सैकड़ों आदिवासी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।

प्रतिदिन मिलेगी 300 से 400  रुपए मजदूरी

इस अभिनव उपक्रम के माध्यम से एटापल्ली तहसील की अनेक महिलाएं जो चूड़ियां बनाएंगी, उसके लिए उन्हें प्रतिदिन 300 से 400 रुपए मजदूरी दी जाएगी। इस कारण इस क्षेत्र की महिलाएं अपने पैर पर खड़ी होंगी और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा। इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वनसंपदा है। इस कारण वनविभाग से वनसंपदा पर आधारित उद्योग निर्माण कर इस तहसील की महिलाओं को सक्षम बनाने में सहायता करने की मांग तहसील की महिलाओं ने की है।

महिलाओं का जीवन स्तर ऊंचा उठाने का प्रयास 

भामरागड़ वनविभाग उपवनसंरक्षक चंद्रशेखरन बाला का कहना है कि हमने तो केवल दुर्गम क्षेत्र की महिलाओं का रोजगार उपलब्ध कराकर उनका जीवनस्तर बढ़ाने का प्रयास शुरू किया है। हमारी इस संकल्पना के माध्यम से शुरूआत में कुछ महिलाओं को रोजगार मिलेगा। भविष्य में अनेक महिलाओं को रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए हमारा विशेष प्रयास जारी है।   


मध्यप्रदेश की संस्था खरीदेगी चूड़ियां 

वनविभाग ने इस कार्य के लिए मध्यप्रदेश की बहुउद्देशीय रिसर्च एण्ड  डेवलपमेंट संस्था के साथ करार किया है। यह संस्था एटापल्ली तहसील की महिलाओं द्वारा तैयार की गई चूिड़यां खरीदेगी। वनविभाग को संबंधित संस्था महिलाओं को कच्चा माल आपूर्ति करेगी और महिलाओं द्वारा तैयार की गई चूड़ियां खरीदकर नगद भुगतान भी किया जाएगा। महिलाओं को प्रशिक्षण में सादी चूड़ियों समेत रंगीन चूड़ियांं, डायमंड वाली चूड़ियां तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है।

Created On :   7 Nov 2017 11:42 AM IST

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