महिलाओं ने तैयार किए एलईडी बल्ब, आई खुशियों की रोशनी

Women made LED bulbs brings happiness in village
महिलाओं ने तैयार किए एलईडी बल्ब, आई खुशियों की रोशनी
महिलाओं ने तैयार किए एलईडी बल्ब, आई खुशियों की रोशनी

डिजिटल डेस्क, वर्धा । महिलाओं की  मेहनत रंग लाई अब एलईडी बल्ब इनके जीवन में खुशियों की रोशनी ले आया है। दरअसल महाराष्ट्र के पिछड़े गांवों को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री की संकल्पना से एक हजार गांवों को विकसित  करना, इस मिशन पर अमल करने के लिए विलेज सोशल ट्रान्सफॉर्मेशन फाउंडेशन (व्हीएसटीएफ) की स्थापना की गई है। इसके लिए ग्राम सामाजिक परिवर्तक की नियुक्ति की गई है। जिले के लोणी गांव में कपास व सोयाबीन यह दो प्रमुख फसल लगाई जाती है। इस फसल से मिलने वाली आय कम होने के कारण गांव के लागों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गांव में खेतीपूरक व्यवसाय की कमी और कौशल्यपूर्ण शिक्षा का अभाव होने के कारण से बेरोजगारी का प्रमाण अधिक है। इस सभी समस्याओं पर विचार कर गांव में विलेज सोशल ट्रान्सफॉर्मेशन फाउंडेशन (वीएसटीएफ) के ग्राम परिवर्तक के सहयोग से विविध विकासकार्य चलाए जा रहे हैं
परिवर्तन की बयार: इसी उपलक्ष्य में एक विशेष उपक्रम ग्राम परिवर्तक की संकल्पना से शुरू किया गया है। जिले के लोणी गांव में बचत गट की 14 महिलाओं को एलईडी बल्ब व पथदीप तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया। 12 दिनों तक चले इस प्रशिक्षण का लाभ लेकर महिलाओं ने विविध प्रकार के एलईडी लाइटें व ग्रामपंचायत के लिए लगनेवाले स्ट्रीट लाइटों को तैयार किया। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं के परिश्रम से तैयार किए गए 300 में से 90 एलईडी बल्ब बेचे जा चुके हैं। इस प्रशिक्षण से इस व्यवसाय के लिए राह प्राप्त हुयी है।  यह लाइटें तैयार करने के लिए कच्चामाल वीएमटीएस की निधि से उपलब्ध करवायी गयी और शक्ति इलेक्ट्रिकल की ओर से महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
अंधकार से प्रकाश की ओर  इस संबंध में जानकारी देते हुए उमेद के जिला प्रबंधक देवकुमार कांबले ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं खेती के कार्य करतीं थीं या, बकरियों को चरवाने के लिए जंगलों में ले जातीं थीं, वही महिलाएं आज  की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर एलईडी बल्ब तैयार कर रहीं हैं। यह महिला केवल एलईडी बल्ब तैयार कर गरीबी के अंधकार से से समृद्धि के प्रकाश की ओर बढ़ रहीं हैं। इस उद्योग से यह महिलाएं न केवल स्वयं बल्कि आस-पास के गांवों को भी प्रकाशित करने का काम कर रही है। यही नहीं लोगों को उचित दाम में यह लाइटें बेची भी जा रही है। 
बढ़ा महिलाओं का आत्मविश्वास
इस व्यवसाय के कारण महिलाओं का आत्मविश्वास तो बढ़ा ही है। इसके अलावा वे अपने परिजनों का भरण पोषण करने में भी योगदान दे रहीं हैं। महिला सशक्तितकरण व विद्युत बचत के पाठ गांव में पढ़ाए जा रहे हैं। गांव को एक आदर्श बनाया जाए, इस के लिए यह पहल निश्चित ही उपयुक्त साबित होगी। छोटे से व्यवसाय से परिश्रम, जिद और लगातार प्रयास से भविष्य में एक बड़ा उद्योग निर्माण किया जा सकता है। इसी का ही यह एक उदाहरण है।

Created On :   11 Jan 2018 11:17 AM IST

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