ओपीएम प्रबंधन की लापरवाही से हुई थीकर्मचारी की मौत - यूनियन ने लगाए लापरवाही के आरोप

Workers death due to negligence of OPM management - Union charged with negligence
ओपीएम प्रबंधन की लापरवाही से हुई थीकर्मचारी की मौत - यूनियन ने लगाए लापरवाही के आरोप
ओपीएम प्रबंधन की लापरवाही से हुई थीकर्मचारी की मौत - यूनियन ने लगाए लापरवाही के आरोप

मशीन में नहीं था इमरजेंसी ब्रेक, खराब होने पर प्रबंधन ने हटवा दिया था
डिजिटल डेस्क शहडोल ।
ओरियंट पेपर प्लांट (ओपीएम) में सोमवार को हुए हादसे के बाद कर्मचारी आक्रोशित हैं। उन्होंने हादसे के लिए पूरी तरह से प्रबंधन का जिम्मेदार ठहराया है। कागज कारखाना मजदूर संघ के प्रतिनिधि सदस्य भूषण दुबे ने आरोप लगाया कि जिस मशीन में फंसने से असिस्टेंट ऑपरेटर की मौत हुई है, उसमें इमरजेंसी ब्रेक नहीं था। सेफ्टी मेजर के तहत मशीन में लगा इमरजेंसी ब्रेक पिछले दिनों खराब हो गया था। लेकिन प्रबंधन ने सुरवाने के बजाय इसे हटवा दिया (बाइपास करा दिया) था।   
   हादसे के बाद कर्मचारी काफी आक्रोशित थे। यूनियन के नेताओं के साथ काफी संख्या में कर्मचारी ओपीएम के हॉस्पिटल के सामने एकत्र हो गए। उनका आरोप था कि प्लांट में कर्मचारियों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। बिना किसी सुरक्षा उपकरण के कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। इतना ही नहीं नॉन टेक्निकल कर्मचारियों से टेक्निकल काम कराए जा रहे हैं, जो लगातार हो रहे हादसों का प्रमुख कारण है। स्थिति बिगड़ते देख अमलाई सहित बुढ़ार और धनपुरी थाने से पुलिस बल बुला लिया गया। वहीं एसडीएम सोहागपुर धर्मेंद्र मिश्रा, एसडीओपी बुढ़ार भरत दुबे, तहसीलदार बुढ़ार भरत सोनी सहित तीनों थानों के प्रभारी भी पहुंच गए थे। जैतपुर विधायक मनीषा सिंह भी मौके पर पहुंची और आक्रोशित कर्मचारिचयों से बात कर उनको शांत कराया। 
पांच वर्ष तक दिया जाए वेतन
कर्मचारियों ने कहा कि हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि मृतक का बेटा अभी 13 वर्ष का है। पांच वर्ष बाद उसकी नौकरी लग पाएगी। तब तक परिवार को कर्मचारी का पूर्ण वेतन दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों की मौत से प्रबंधन को कोई मतलब नहीं है। डेढ़ बजे की घटना है, लेकिन जीएम और सीईओ शाम तक मृतक को देखने तक नहीं पहुंचे। एचआर हेड हेम पांडे को बातचीत के लिए भेज दिया था। हालांकि शाम को सीईओ कर्मचारियों से बात करने के लिए पहुंचे।
परिवार के साथ कॉलोनी में रहते थे मिश्रा, सुबह की शिफ्ट में थी ड्यूटी
हादसे का शिकार हुए रीवा निवासी राकेश मिश्रा ओपीएम कॉलोनी में पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे। वे सुबह की शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे थे। ्रपेपर कटिंग सेक्शन के बाइडिंग मशीन के असिस्टेंट ऑपरेटर मिश्रा का काम मशीन में पेपर को रोल करना और यह देखना था कि पेपर कहीं मुड़ा तो नहीं। बताया जाता है कि जैसे ही उन्होंने मशीन में हाथ डालकर पेपर चेक करने की कोशिश की, वह मशीन के चपेट में आ गए।
इनका कहना है
मामले पर संज्ञान लेते हुए मर्ग कायम कर लिया गया है। चूंकि ओपीएम औद्योगिक संस्था है, तो इंड्रस्ट्रियल सेफ्टी वाले इसकी जांचकर रिपोर्ट देंगे। उस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।  
सत्येंद्र कुमार शुक्ल, एसपी शहडोल
हादसे के बाद कर्मचारी काफी आक्रोशित थे। उनका कहना था कि सीईओ बात करने नहीं आए। बाद में सीईओ वहां पहुंचे थे। उन्होंने सभी से बात की। मामले का समाधान हो गया है। नियमानुसार राहत दिलाने पर सहमति बनी है। 
धर्मेंद्र मिश्रा, एसडीएम सोहागपुर  
जो भी एग्रीमेंट में होगा उसी के आधार पर मृतक के परिजनों को कंपनी की ओर से सहायता दी जा सकती है। पांच वर्ष तक परिवार को वेतन देने के बारे में कंपनी के एमडी से बात करूंगा। 
अजय गुप्ता, सीईओ ओपीएम
 

Created On :   9 Jun 2020 10:19 AM GMT

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