मजदूरों के लिए हर जिले में बनाया जाएगा कामगार अस्पताल- श्रम मंत्री

Workers hospital will be built in every district for laborers
मजदूरों के लिए हर जिले में बनाया जाएगा कामगार अस्पताल- श्रम मंत्री
फैसला मजदूरों के लिए हर जिले में बनाया जाएगा कामगार अस्पताल- श्रम मंत्री

डिजिटल डेस्क, मुंबई।प्रदेश के संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए प्रत्येक जिले में कामगार अस्पताल बनाए जाएंगे। इसके अलावा मजदूरों के सर्वांगीण विकास के लिए कामगार भवन और कामगार खेल भवन स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश के श्रम मंत्री सुरेश खाडे ने यह जानकारी दी। खाडे ने कहा कि राज्य के संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती हैं। कर्मचारी राज्य बीमा महामंडल (ईएसआईसी) के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए मजदूरों के लिए हर जिले में कामगार अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया है। प्रत्येक जिले में कामगार अस्पताल के निर्माण के लिए जिलाधिकारियों को जगह उपलब्ध कराने को कहा गया है। अस्पताल के निर्माण के लिए आवश्यक निधि और प्रारूप को तैयार कर लिया गया है। जिलाधिकारियों द्वारा जमीन उपलब्ध कराने के बाद अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा। 

हर जिले में कामगार भवन

खाडे ने कहा कि मजदूरों की सभी समस्या एक छत की नीचे सुलझाने के लिए हर जिले में कामगार भवन स्थापित करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा मजदूरों के बच्चों को विभिन्न खेलों में प्रोत्साहन देने के लिए प्रत्येक जिले में कामगार खेल भवन शुरू किए जाएंगे। इसी भवन में मजदूरों के बच्चों को यूपीएससी तथा एमपीएससी की शिक्षा और उद्योग आधारित शिक्षा देने का विचार भी है। 

मजदूरों को मिलेगा घर 

खाडे ने कहा कि असगंठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को कम से कम 300 वर्ग फुट का घर उपलब्ध कराने का प्रयास है। इसके लिए ग्रामीण इलाकों के मजदूरों को घर खरीदने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना का अनुदान और राज्य सरकार के श्रम विभाग के अनुदान को जोड़कर लगभग 4 लाख 75 हजार रुपए उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि शहरी इलाकों में घर महंगे होने के चलते मजदूरों को कर्ज की व्यवस्था करने के बारे में विचार किया जाएगा। खाडे ने कहा कि मजदूरों के बच्चों को छात्रवृत्ति और बीमा योजना का लाभ देने के लिए प्राथमिकता देने का फैसला लिया गया है। यदि किसी बच्चे को छात्रवृत्ति मिलने में मुश्किल होती है तो वह श्रम विभाग से संपर्क कर सकता है। इसके अलावा कोरोना के दौरान जान गंवाने वाले मजदूरों के बच्चों के पढ़ाई के खर्च का वहन श्रम विभाग की ओर से किया जाएगा। 
 

Created On :   13 Nov 2022 9:24 PM IST

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