कामगारों को मिलेगी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं, सरकार कर रही बीमा सोसायटी की स्थापना 

Workers will get good health facilities, insurance society will be established
कामगारों को मिलेगी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं, सरकार कर रही बीमा सोसायटी की स्थापना 
कामगारों को मिलेगी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं, सरकार कर रही बीमा सोसायटी की स्थापना 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने राज्य कामगार बीमा सोसायटी स्थापित करेगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। इससे प्रदेश के कामगारों को अतिविशिष्ट चिकित्सा उपचार सहित आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं आसानी और प्रभावी तरीके से मिल सकेगी। केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र वाले राज्य कामगार बीमा महामंडल के माध्यम से 22 जिलों में पंजीकृत 43 लाख 58 हजार 990 कामगारों के लिए कामगार बीमा योजना लागू है।

योजना के तहत केंद्र सरकार कैश बेनिफिट, अतिविशिष्ट चिकित्सा सुविधाओं आदि पर रकम खर्च करती है लेकिन प्रायमरी व सेकंडरी चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। यह सुविधा के 52 राज्य कामगार बीमा योजना सेवा अस्पताल, 610 बीमा बीमा चिकित्सा व्यवसायी और 11 राज्य कामगार बीमा योजना अस्पताल के माध्यम से कामगारों को उपलब्ध कराई जाती है। 

1300 करोड़ रुपए की निधि होगी जमा 
केंद्र सरकार से हर साल लगभग 1200 से 1300 करोड़ रुपए की निधि सोसायटी में जमा होगी। इसके अलावा डायलिसिस, रेडियो डायग्नोस्टिक, कैथ लैब, कैंसर से जुड़े उपचार, आईसीयू व एनआईसी यूनिट समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा। सोसायटी का नाम महाराष्ट्र राज्य कामगार बीमा सोसायटी है। इसकी स्थापना सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट-1860 अंतर्गत की जाएगी।

फिलहाल कानून के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग से संबंधित राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान सोसायटी, एड्स कंट्रोल सोसायटी, आयुष, राज्य स्वास्थ्य गांरटी इस सोसायटी में कार्यरत है। इससे पहले 13 मई 2016 में राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य कामगार बीमा महामंडल की स्थापना को रद्द करने का फैसला लिया था। इसके ऐवज में सरकार ने अब राज्य कामगार बीमा सोसायटी बनाने को मंजूरी दी है।  

सेवा में शामिल होंगे वन विभाग के 569 दैनिक मजदूर 
वन विभाग में विभिन्न पदों पर काम करने वाले और अक्टूबर 2012 के शासनादेश के अनुसार पात्र 569 दैनिक मजूदरों को सेवा में शामिल करने का फैसला लिया गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने इसको मंजूरी दी है। वन विभाग में वन्यजीव प्रबंधन, पौधा उत्पादन, सड़कों के काम, वन संरक्षण समेत अन्य 22 प्रकार के कामों के लिए दैनिक मजदूरों की नियुक्ति की जाती है। कई सालों से लगातार काम करने वाले मजदूरों को सेवा में शामिल करने का फैसला सरकार ने लिया है। 

यवतमाल के सूत मिल को आर्थिक मदद 
यवतमाल के रालेगांव तहसील के देवधर स्थित बिरसा मुंडा आदिवासी सहकारी सूत मिल को आर्थिक सहायता देने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। राज्य के नई वस्त्रोद्योग नीति के तहत यह मंजूरी दी गई है। इस नीति के अनुसार बिरसा मुंडा सूत मिल को बारहवीं पंचवार्षिक योजना के 10-30-60 के फार्मूला के अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। 

Created On :   24 April 2018 7:22 PM IST

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