युवक ने अकेले में की थी युवती से गंदी हरकत, हाईकोर्ट ने कहा - मामला रेप का, दोषी को राहत नहीं

Young man done dirty act with girl , High Court said - this is case of rape, no relief to the guilty
युवक ने अकेले में की थी युवती से गंदी हरकत, हाईकोर्ट ने कहा - मामला रेप का, दोषी को राहत नहीं
युवक ने अकेले में की थी युवती से गंदी हरकत, हाईकोर्ट ने कहा - मामला रेप का, दोषी को राहत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट किया है कि युवती के प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ भी रेप है। मेडिकल रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट में नाखून के घाव का भी जिक्र था। यह बात कहते हुए हाईकोर्ट ने मानसिक रुप से कमजोर युवती का यौन उत्पीड़न करने वाले 33 वर्षीय आरोपी को दोषी ठहराने के निर्णय को बरकरार रखा है। दिंडोशी कोर्ट ने आरोपी को इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (रेप) व अन्य धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए उसे 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरोपी फारुख शेख ने हाईकोर्ट में अपील की थी। 

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे के सामने आरोपी की अपील पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी के वकील ने न्यायमूर्ति के सामने दावा किया कि उनके मुवक्किल को इस मामले में दुष्कर्म के तहत दोषी ठहराया जाना अपेक्षित नहीं था। ज्यादा से ज्यादा इस प्रकरण में यौन उत्पीड़न (354)  के आरोपों के तहत दोषी ठहराया जाना  था। क्योंकि मुवक्किल ने पीड़िता के साथ रेप नहीं किया है। 

वहीं अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि आरोपी पीड़िता को मेले ले जाने के बाहने उसके घर के निकट स्थित मंदिर के पास से रात के समय ले गया था। जहां उसने एक जगह अकेले में ऐसे किया तो पीड़िता रोने लगी। आरोपी डर के मारे पीड़िता को घर छोड़ गया। पीड़िता ने इसकी जानकारी मां को दी। इसके बाद थाने में मामला दर्ज कराया गया और आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया। 

मामले से जुड़े सबूतों व तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ढेरे ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी का यह कृत्य दुष्कर्म की भारतीय दंड सहिता की धारा 375 में दी गई परिभाषा के दायरे में आता है। पीड़िता की जांच से जुड़े मेडिकल पेपर प्राइवेट पार्ट में घाव की बात कहते हैं। इसलिए इसका कोई बहुत मतलब नहीं है कि आरोपी ने पीड़िता से संबंध बनाए थे या नहीं और पीड़िता ने पूरे मामले की जानकारी बारीकी से दी है की नहीं।

प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ भी कानून के तहत अपराध के दायरे में आता है। यह कृत्य 376 के तहत अपराध है। न्यायमूर्ति ने आरोपी के नाखूनों की डीएनए रिपोर्ट व अन्य सबूतों पर गौर करने के बाद आरोपी को इस मामले में आरोपी को निचली अदालत ने दोषी ठहराया, कोर्ट ने इस निर्णय को सही माना और उसकी सजा को कायम रखा। 

 

Created On :   16 July 2021 9:43 PM IST

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