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शिकार के लिए फैलाए करंट से युवक की मौत- आरोपियों ने मृतक को दफनाया, कुछ आरोपी हिरासत में

डिजिटल डेस्क शहडोल । कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम खम्हरिया में जंगली सूकर के शिकार के लिए खेत में फैलाए गए करेंट की चपेट में आने से एक ग्रामीण की मौत हो गई। आरोपियों को जब इसका पता चला तो छिपाने के लिए मृतक को करीब डेढ़ किलोमीटर दूर जमीन में दफना दिया गया। परिजनों ने शनिवार को थाने में युवक की गुमशुदगी दर्ज कराई और पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटना का खुलासा हुआ। पुलिस ने कुछ आरोपियों को हिरासत में भी ले लिया है।
पुलिस के अनुसार खम्हरिया निवासी राकेश बैगा उर्फ जोकर उम्र 33 वर्ष 7 जनवरी को बाजार से अपने घर जा रहा था। सड़क के पास ही खेत में जंगली सूकर के शिकार के लिए कुछ लोगों ने जीआई तार के सहारे 11 केवी हाईटेंशन लाइन से करंट फैलाया था। इसकी चपेट में आने से राकेश बैगा की मौत हो गई। आरोपियों ने अपराध छुपाने के लिए राकेश के शव को करीब डेढ़ किमी दूर दफना दिया था। 9 जनवरी को परिजनों ने राकेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी। रात में जब पुलिस गांव पहुंची और मामले की पड़ताल की तो खेत में करंट फैलाने की बात सामने आई। पुलिस ने जब कुछ संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामला सही निकला। आरोपियों की निशानदेही पर रात में ही घटनास्थल का निरीक्षण किया गया।
गड्ढा खोदकर सुबह निकाला शव
पुलिस ने आरोपियों के बताए गए स्थान ने रविवार की सुबह राकेश बैगा का शव बरामद कर लिया और इसके पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। देर शाम तक शॉर्ट पीएम रिपोर्ट नहीं मिली थी। वहीं पूछताछ के दौरान पुलिस यह भी पता चला है कि गांव का प्रेमलाल बैगा करंट से झुलस गया है। उसका इलाज जिला चिकित्सालय में चल रहा है। करंट फैलाने वालों में प्रेमलाल बैगा का भी नाम सामने आया है। बहरहाल पुलिस ने कुछ आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ चल रही है। सोमवार को मामला दर्ज करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस सोमवार को ही पूरे मामले का खुलासा भी कर सकती है।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।