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चार महीने के लिए टाले गए जिला परिषद-पंचायत मतदान, विधानसभा चुनाव बाद होंगे छात्रसंघ चुनाव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जिला परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विषय समिति सभापति समेत पंचायत समिति के सभापति व उपसभापति पद के लिए अगले कुछ महीने में होने वाले चुनाव को चार महीने के लिए टाल दिया गया है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस पर मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने इससे संबंधित अध्यादेश जारी करने के लिए मंजूरी दी है। राज्य में विधानसभा चुनाव निकट हैं। इसलिए राज्य के सभी जिलाधिकारी समेत जिलाधिकारी कार्यालय के कर्मचारी और पुलिस कर्मचारी चुनाव तैयारी में लगे रहेंगे। राज्य के जिला परिषदों के अधिकांश अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विशेष समितियों के सभापति और पंचायत समितियों के सभापति व उपसभापति का कार्यकाल अगस्त और सितंबर 2019 में खत्म हो रहा है। इसलिए चुनाव टालने का फैसला किया गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के पिछले महीने के फैसले के अनुसार नागपुर, वाशिम, अकोला, धुलिया व नंदूरबार जिला परिषद और उसके तहत आने वाली पंचायत समितियों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। संबंधित जिला परिषदों के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी व पंचायत समिति स्तर पर गटविकास अधिकारियों को प्राधिकृत किया गया है। प्रदेश में 34 जिला परिषद और उसके तहत 351 पंचायत समिति कार्यरत हैं। महाराष्ट्र जिला परिषद व पंचायत समिति अधिनियम-1961 की धारा 43 के अनुसार जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष व धारा 65 के अनुसार पंचायत समिति सभापति व उपसभापति पद का चुनाव ढाई साल में कराने का प्रावधान है। इसके अनुसार राज्य के 25 जिला परिषदों का चुनाव फरवरी 2017 में हो चुका है।
विधानसभा चुनाव बाद होंगे छात्रसंघ चुनाव
प्रदेश में होने वाले छात्र संघ के चुनाव फिलहाल टाल दिए गए हैं। राज्य विधानसभा चुनाव के बाद छात्र संघ चुनाव होंगे। छात्र संघ चुनाव की तारीख विधानसभा चुनाव के लिए लागू होने वाली आचार संहिता के दौरान होने के कारण छात्र संघ चुनाव टालने का फैसला किया गया है। बुधवार को मंत्रिमंडल ने साल 2019-20 में होने वाले छात्र संघ चुनाव टालने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय कानून 2016 में संशोधन को मंजूरी दी है। संशोधन के बाद चुनावों के समय आचार संहिता लागू होने, बाढ़, सूनामी, भूकंप और कानून व व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में छात्र संघ चुनाव की तारीख टालने का अधिकार अब राज्य मंत्रिमंडल के पास होगा। अभी तक इस तरह की स्थिति में छात्रसंघ चुनाव टालने का प्रावधान संबंधित कानून में नहीं था। मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने कहा कि छात्रसंघ के चुनाव की तारीख विधानसभा चुनाव के लिए लागू होने वाली आचार संहिता के समय की है। इस दौरान प्रशासन विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा होगा। इसलिए छात्रसंघ चुनाव टालने का फैसला लिया गया है। तावडे ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपति ने छात्र संघ के चुनाव सिंतबर और अक्टूबर महीने में कराने की घोषणा की थी। इसके बाद संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आशंका जाहिर की थी। इसको देखते हुए उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव सौरभ विजय ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत सिंह से राय मांगी थी। उनके सुझावों के आधार पर यह फैसला किया गया है।
Created On :   7 Aug 2019 7:57 PM IST