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पशु तस्करी: अंधेरे में बेखौफ होकर कंटेनरों में भरे जाते हैं मवेशी
डिजिटल डेस्क, देवेन्द्रनगर नि.प्र.। धन के लालची लोगों के लिए पशु तस्करी का कार्य मोटी कमाई का जरिया बना हुआ है। पशु तस्करों द्वारा देवेन्द्रनगर क्षेत्र अंतर्गत मुटवा, बसई एवं सिलगी के जंगली क्षेत्र के गुप्त सुरक्षित स्थानों में रखे गए गौवंशीय पशुओं तथा चुराए गए भैंसवंशीय पशुओं की तस्करी बेखौफ की जा रही है। जानकारी के अनुसार ऐसे स्थानों पर पशु तस्कर कंटेनर लेकर पहुंचते हैं। कंटेनर से पशुओं को भरने के लिए डबल रैक बनीं होती है। इनमें ठूंस-ठूंसकर कू्ररता के साथ पशुओं को भरकर बाहर ले जाकर बेंचे जाने का कार्य किया जा रहा है। बाहर से आने वाले तस्करों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से पशु तस्करी के अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। इसके लिए बकायदा स्थानीय स्तर पर पशुओं की चोरी करने, ऐरा गौवंशीय पशुओं को हांककर एक स्थान पर रखने के लिए कई लोगों को सक्रिय किया गया है और पूरे नेटवर्क को सुरक्षित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। पशु तस्करी के इस कार्य में सहयोग करने वाले स्थानीय लोगों को इस काम के लिए भारी-भरकम राशि प्राप्त होती है। बताया जा रहा है कि शातिर तस्कर इतने माहिर हैं कि पुलिस तंत्र को भी उनके द्वारा किए जा रहे कार्य की भनक नहीं लगती वजह यह है कि स्थानीयों के शामिल होने की वजह से पुलिस और मुखबिर को सही सूचनायें प्राप्त नहीं होतीं। बताया जा रहा है कि जंगली क्षेत्र में जहां पर पशुओं को एकत्र करके रखा जाता है उस मार्ग में कंटेनरों को निकालने के लिए जेसीबी मशीन आदि का प्रबंध रहता है।
स्थानीय लोग पुलिस को नहीं देते सूचना
जिन चिन्हित जगहों से पशु तस्करी होती है वो स्थान जंगल में भले ही सही पर गांव के नजदीक होने के बावजूद स्थानीय जनता द्वारा इसकी सूचना पुलिस को नहीं देनाएआवारा मवेशियों को जंगल की तरफ हांक देने से पशु तस्करों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से सहयोगी की भूमिका निभाने जैसा ही हैएदूसरी तरफ तस्कर आपराधिक किस्म के लोगों का समूह होता है जिनसे आमजन चाह कर इनके निशाने पर नही आना चाहता।
तस्करी को रोकने के लिए पुलिस को मजबूत करना होगा मुखबिर तंत्र
पुलिस प्रशासन को अपने मुखबिर तंत्र को मजबूत बनाकर इनकी धरपकड़ करना चाहिए लेकिन लगातार हो रहे स्थानांतरण और वीआईपी ड्यूटी की वजह से स्थानीय स्टाफ की कमी से ऐसे महत्वपूर्ण काम हासिए पर चले जाते है। वहीं पशु तस्कर भी पुलिस के एक्शन प्लान की गुप्त जानकारी रखते हैं जिसकी वजह से पुलिस के लिए कार्य मुश्किल हो जाता है। दूसरी ओर अपने कर्तव्य से विमुख एकाध पुलिस कर्मी की संदिग्ध भूमिका भी इन तस्करों का कार्य आसान करने में सहयोग करती है।
Created On :   24 Sept 2023 4:10 PM IST