पन्ना: डॉक्टरों की कमी से जिला चिकित्सालय में मरीजों की फूल रही है सांसे

डॉक्टरों की कमी से जिला चिकित्सालय में मरीजों की फूल रही है सांसे

डिजिटल डेस्क, पन्ना। एक ओर जिले में जहां मेडिकल कॉलेज खुलने के सपने और घोषणाओ के रूप में जिम्मेदारों द्वारा लोगों को दिखाए जा रहे है वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय स्थित जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को ही सुदृढ़ बनाने की जगह लगातार कमजोर किया जा रहा है। पन्ना जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की भारी कमी के चलते अस्पताल पहँुचने के बाद मरीजो की सांसे फूल रही है। इस बीच हाल में ही जिला चिकित्सालय पन्ना में पदस्थ ०५ और चिकित्सकों का स्थानांतरण कर दिए जाने तथा जिला चिकित्सालय में सेवायें देने वाले ०३ संविदा चिकित्सकों द्वारा त्याग पत्र दे दिए गए है। जिसके चलते जिला अस्पताल की चिकित्सीय सेवायें बुरी तरह से लडखड़ा गई है। मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में सेवाये दे रहे शिशु रोग चिकित्सक डॉ. जीतेन्द्र खरे, सर्जिकल चिकित्सक डॉ. स्वर्णिमा उपाध्याय, नाक-कान-गला चिकित्सक डॉ. पियूष अरजरिया, मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रीतेश ठाकुर तथा दन्त शल्य चिकित्सक डॉ. जेनब खान का स्थानांतरण जिला चिकित्सालय से हो गया है। वहीं जिला अस्पताल में कार्य करने वाले ०३ संविदा चिकित्सकों डॉ. मिलेन्द्र सिंह मेडिकल ऑफिसर, डॉ. अभय अग्रवाल मेडिकल ऑफिसर एवं अपूर्वा केशरवानी महिला मेडिकल ऑफिसर द्वारा संविदा सेवा से त्याग पत्र दे दिया गया है। त्याग पत्र देने वाले संविदा चिकित्सक डॉ. अभय अग्रवाल ०५ अक्टूबर को कार्य मुक्त हो चुके हैं। डॉ. अपूर्वा केशरवानी और डॉ. मिलेन्द्र सिंह का पीजी कोर्स में चयन हो गया है जो कि ०९ एवं १० अक्टूबर को अपने पद से भार मुक्त हो जायेगे। जिला चिकित्सालय में से इतनी अधिक संख्या में चिकित्सको के चले जाने से अस्पताल की चिकित्सीय सुविधाओ के साथ ही शासन के स्वास्थ्य से संबधित कार्यक्रमो को भी बुरी तरह से प्रभावित होने की स्थिति बनी है। कारण है कि इनमे से कुछ चिकित्सक शासन से संबधित कार्यक्रमों स्वास्थ्य विभाग से संबधित कार्यक्रम की जिम्मेदारी संभाल रहे है।

पीएचसी एवं सीएचसी के हालात खराब, जिला चिकित्सालय पर ही है सारा दबाव

जिले में चिकित्सीय व्यवस्थाओं की स्थिति सबसे कमजोर है कई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक ही नही है जहां है वहां पर इकलौते चिकित्सक ही काम रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति भी गई गुजरी है। सभी अस्पताल डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी से जूझ रहे हैं ऐसे में जिले की सम्पूर्ण आबादी में चिकित्सीय उपचार कार्य के जिला मुख्यालय पन्ना स्थित जिला अस्पताल पर है। जिला चिकित्सालय विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा मेडिकल ऑफिसरों के पहले से भी आधे से अधिक पद खाली है ट्रामा सेन्टर में चिकित्सकों के जो पद स्वीकृत हुए है उसके विरूद्ध इक्का-दुक्का चिकित्सक पदस्थ हुए हो तो इसे ही बडी बात कहा जा सकता है। जिला अस्पताल का ट्रामा सेन्टर शुरू हुए कई साल हो चुके है जिसकी वास्तविक स्थिति यह है कि ट्रामा सेन्टर में गंभीर मरीजों का चिकित्सकों तथा अन्य आवश्यक प्रबंधों होने की वजह से उपचार नहीं हो पा रहा है और ज्यादतर मरीज रेफर हो जाते है। अस्पताल की स्थिति भी यह है व्यवस्थाओं के अभाव में प्रतिदिन बडी संख्या मेंं मरीज जिला चिकित्सालय से रेफर किए जा रहे है।

बुखार से पीडित मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी

बुखार से पीडि़त होने वाले मरीजो की संख्या पिछले कुछ दिन से लगातार बढ़ रही है डेंगू के मामले लगातार सामने आ रहे है जिसे लोग बुखार के लेकर भयभीत है। ऐसे में अस्पताल में मरीजो का दबाव बढ़ गया है। अधिकांश बुखार के प्रकरणों की जांच में प्लेटस का घटा होना भी जांच रिपोर्ट से सामने आ रहा है। इससे चलते बुखार से पीडि़त मरीजो की चिंताऐं बढ़ी हुई है इस बीच चिकित्सको की कमी का संकट बडी परेशानी का कारण बन रहे है। लोग उपचार के लिए बाहर जाने के लिए विवश है।

Created On :   8 Oct 2023 1:50 PM IST

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