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पन्ना: अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए निर्देश जारी
- अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए निर्देश जारी
- दो वर्ष के कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने का है प्रावधान
डिजिटल डेस्क, पन्ना। अक्षय तृतीया के अवसर पर प्राय: अत्यधिक संख्या में विवाह संपन्न होते हैं। जिसमें बाल विवाह होने की अधिक संभावनाएं होती हैं। अक्षय तृतीया पर बाल विवाह जैसी कुरीति को रोकने के लिये शासन स्तर से प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। महिला बाल विकास विभाग मध्यप्रदेश द्वारा जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने के लिये प्रत्येक वार्ड एवं ग्राम में सूचना तंत्र गठित कर सक्रिय किया जाये। सूचना तंत्र में शिक्षक, आशा, एएनएम, स्वसहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की अध्यक्ष, समन्वयक, सदस्य, आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच, सचिव एवं ग्राम के नागरिकों को शामिल किया जाये। सूचना तंत्र के सहयोगी क्षेत्र में हो रहे बाल विवाह की सूचना से जिला प्रशासन एवं दूरभाष पर जिला कंट्रोल रुम को अवगत करायेंगे।
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इसके अलावा कोई भी व्यक्ति बाल विवाह की सूचना नजदीकी थाना, चाईल्ड लाइन नंबर 1098 एवं सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर दे सकता है। संचालनालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि बाल विवाह जैसी कुरीति पर रोकथाम के लिये विवाह में सेवा देने वाले सेवा प्रदाताओं प्रिटिंग प्रेस, हलवाई, केटरिंग, धर्मगुरु, बैंडवाला, ट्रांसपोर्टर एवं समाज के मुखिया, जनप्रतिनिधियों एवं अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों की कार्यशाला जिला व खंड स्तर पर आयोजित की जाये। उन्हें बताया जाये कि बाल विवाह में अपनी सेवायें नहीं प्रदान करें। विवाह के पूर्व वर-वधु के उम्र संबंधी दस्तावेंजो का परीक्षण करने के बाद ही अपनी सेवायें देंगे। इसके साथ ही सामूहिक विवाह करने वाले आयोजकों से इस आशय का शपथ प्राप्त करेंगे कि वे अपने आयोजनों में बाल विवाह नहीं करेंगे।
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दो वर्ष के कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने का है प्रावधान
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बाल विवाह की कुरीति को समाप्त करने के लिए वर्ष 2013 से लाडो अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के परिणामस्वरूप अब तक परामर्श से ही बडी संख्या में बाल विवाह रोकने में सफलता मिली है। लाडो अभियान के तहत लोगों को व्यापक स्तर पर बताया जा रहा है कि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006 की धारा-9, 10, 11 और 13 के अन्तर्गत बाल विवाह कराने अथवा उसमें सहयोग देने वालों के लिए दो वर्ष का कारावास अथवा एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है।
Created On :   7 May 2024 5:17 PM IST