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Panna News: 800 ग्राम के शिशु ने जीती जिदंगी की जंग पन्ना के एसएनसीयू में मिला नया जीवन

- 800 ग्राम के शिशु ने जीती जिदंगी की जंग पन्ना के एसएनसीयू में मिला नया जीवन
- बेहद कम वजन के नवजात शिशु को नया जीवन मिला
Panna News: पन्ना जैसे अत्यधिक पिछड़े जिले में एक बेहद कम वजन के नवजात शिशु को नया जीवन मिला है। 1 अगस्त 2025 को मात्र 800 ग्राम के वजन और 26 सप्ताह के गर्भकाल के साथ जन्मे इस शिशु को एसएनसीयू पन्ना में भर्ती कराया गया था। आमतौर पर एक स्वस्थ नवजात का वजन 2.5 किलोग्राम या उससे अधिक होता है और वह माँ के गर्भ में 37 सप्ताह तक रहता है। यह मामला बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि कम वजन और समय से पहले जन्मे शिशुओं में जान का खतरा बहुत अधिक होता है। उनमें पीलिया, संक्रमण,खून की कमी जैसी कई बीमारियाँ होने की आशंका रहती है। लेकिन एसएनसीयू के अनुभवी स्टाफ ने इस चुनौती को स्वीकार किया।
डॉक्टरों और स्टाफ की टीम ने किया चमत्कार
डॉ.योगेंद्र चतुर्वेदी प्रभारी, डॉ. जितेंद्र खरे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश चंद्र केसरी और एसएनसीयू इंचार्ज नीता पटले सहित पूरे स्टाफ ने शिशु के इलाज के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। एसएनसीयू के प्रोटोकॉल के अनुसार शिशु का इलाज किया गया। इस दौरान उसे कई परेशानियां आईं जैसे संक्रमण, पीलिया और खून की कमी लेकिन टीम ने हर मुश्किल का डटकर सामना किया। इतना ही नहीं समय से पहले जन्मे शिशुओं में अक्सर आँखों की समस्या भी होती है। इसलिए शिशु की आँखों की जाँच के लिए चित्रकूट से विशेष टीम को बुलाया गया। पूरी जाँच और इलाज के लिए उसे चार बार चित्रकूट भी भेजा गया।
16 लाख का इलाज हुआ बिल्कुल मुफ्त
लगभग डेढ़ महीने के इलाज के बाद जब शिशु पूरी तरह स्वस्थ हो गया और चम्मच से दूध पीने लगा तब उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। डिस्चार्ज के समय उसका वजन बढक़र 1128 ग्राम हो चुका था। प्रभारी डॉ. योगेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि पन्ना जिले में शिशु मृत्यु दर पूरे देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने यह भी बताया कि 1000 ग्राम से कम वजन वाले शिशुओं का भर्ती प्रतिशत पन्ना के एसएनसीयू में प्रतिशत 3.7 है जबकि पूरे मध्य प्रदेश का औसत मात्र प्रतिशत 2 है जो पन्ना की चुनौती को दर्शाता है। अगर इस शिशु का इलाज किसी प्राइवेट अस्पताल में होता तो इसका खर्च लगभग 16 लाख रुपये आता। लेकिन एसएनसीयू पन्ना में यह इलाज पूरी तरह मुफ्त हुआ। यहां तक कि स्टाफ ने किसी भी तरह का कोई शुल्क या उपहार स्वीकार नहीं किया।
Created On :   22 Sept 2025 2:03 PM IST