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Panna News: वन क्षेत्र के बीच फंसा करहो गांव, बरसात में आवागमन की चुनौती

- वन क्षेत्र के बीच फंसा करहो गांव
- बरसात में आवागमन की चुनौती
- दुर्गम जंगल की पहाड़ी क्षेत्र के पगडंडी का चक्कर काटकर गांव पहुंच पा रहे ग्रामीण
Panna News: शाहनगर विकासखण्ड अंतर्गत अभी भी कुछ ऐसे गांव है जहां पर रहने वाले ग्रामीण बुनियादी एवं मूलभूत सुविधाओं के अभाव में हर दिन परेशानी का सामना कर रहे है। कुछ ऐसे ही गांव में शामिल है जनपद शाहनगर की शाहपुर खुर्द पंचायत का करहो गांव। आदिवासी बाहुल्य में वन एवं राजस्व सीमा से घिरे करहों के ग्रामीण कई दशकों से सुगम सडक़ का इंतजार कर रहे हैं। करहों गांव वन सीमा क्षेत्र से चारों ओर से घिरा गांव है और यही कारण है कि अभी तक आवागमन को सुलभ करने के लिए सडक़ निर्माण को लेकर मंजूरी नहीं मिल पाई है। ग्राम पंचायत के सरपंच दूधपाल यादव ने बताया कि ग्राम पंचायत शाहपुर खुर्द करहों गांव से ग्राम पंचायत मुख्यालय शाहपुर स्थित मुख्य मार्ग की दूरी करीब ०४ किलोमीटर है। दूसरे मुख्य मार्ग टिकरिया की दूरी करीब साढ़े पांच किलोमीटर है तीसरा मुख्य मार्ग झाझंर का मुख्य मार्ग है जिसकी दूरी करीब ०४ किलोमीटर है और करहों गांव से ग्रामीणों को मुख्य मार्ग तक पहुुंचने के लिए जंगल की पगडंडी वाले कच्चे ऊबड़ खाबड़ वाले रास्ते से हर दिन आवाजाही करते हैं और कई बार अप्रिय घटनायें भी हो चुकी हैं। बीमार, बुजुर्गो व बच्चों के लिए रास्ता भी बेहद ही खतरनाक है। ग्राम पंचायत सडक़ निर्माण के लिए कई बार वन विभाग और वरिष्ठ अधिकारियों को अनुमति के लिए पत्र लिख चुकी है और निजी तौर पर भी मिलकर ग्रामीणों की परेशानी से अवगत करा चुके हैं। रास्ता निर्माण के लिए अनुमति नहीं मिलने से हम मजबूर है जो तीन मुख्य मार्ग है उनमें से किसी एक मुख्य मार्ग से जोडने की अनुमति मिल जाये तो ग्रामीणों का काफी राहत मिलेगी।
वन विभाग द्वारा नर्सरी बन जाने से झांझर मुख्य मार्ग का रास्ता हुआ बंद
ग्राम करहों से झांझर मुख्य सडक़ मार्ग की दूरी सबसे कम लगभग ०४ किलोमीटर की रही है और जंगल के रास्ते से इसी मुख्य मार्ग तक पहुंचने के रास्ते का ग्रामीण अधिकतर प्रयोग करते रहे हैं किन्तु वन विभाग द्वारा मुख्य मार्ग तक पहुुंचने के लिए जो पंगड्डी वाला रास्ता था उस रास्ते पर नर्सरी बना दी गई है जिससे लोगों की आवाजाही का रास्ता बंद हो गया है अब झांझर तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं हैं और लोगों को नर्सरी से घूमकर और अधिक जोखिम भरे रास्ते जिसमें गहरे गड्ढे है साथ ही साथ नाला भी पड़ता है चक्कर काटकर पहुुंचने के लिए ०६ किलोमीटर दूरी तय करनी पड रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग द्वारा नर्सरी बनाने के बाद जो खखरी बना दी गई है उससे रास्ता बंद हो गया है। ग्राम पंचायत के सरपंच और ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताते हुए वन विभाग के अधिकारियों से समाधान की मंाग की गई है।
इनका कहना है
करहों गांव के पास से लगा पवई वन सीमा परिक्षेत्र का एरिया है जहां पेङ-पौधे वन विभाग द्वारा लगाये गये हैं जो आम रास्ता के कारण खराब न हों जिसको लेकर बंद करा दिया है एक रास्ता खोला भी गया है।
नीतेश पटेल, वन परिक्षेत्र अधिकारी पवई
समस्या क्या है इसकी जानकारी मेरे पास नहीं है जो जानकारी दी है उस विषय पर राजस्व एवं वन विभाग से आवश्यक जानकारी लेकर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जायेगा जिससे ग्रामीणों को आवागमन में हो रही परेशानी का हल निकलें।
समीक्षा जैन, अनुविभागीय अधिकारी पवई
हमारे गांव करहों से मुख्य मार्ग टिकरिया और बिसानी के लिए बारिश के समय जा पाना ही बडी समस्या है रास्तें में सिंचाई का बंाध व बोरी नदीं हैं जहां पर बरसात में पानी अधिक होने से खतरा रहता है साथ ही पूरा रास्ता जंगल से होकर निकलता है सडक़ नही होने से हम सभी परेशान है।
भूरे सिंह, स्थानीय ग्रामवासी
गांव से जुडा जो वन क्षेत्र है वह पवई रेंज में आता है और गांव शाहनगर कस्बे में है। ऐसे में हमारी समस्या को लेकर अधिकारी कुछ नहीं कर रहे और न ही जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं।
लक्ष्मण सिंह, ग्राम करहो निवासी
सडक़ की समस्या को लेकर कई बार हमारे गांव के लोग शाहनगर एवं पवई एसडीएम को आवेदन दे चुके हैं केवल आश्वासन मिला है। हमारे बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पाते बीमार लोगों को अस्पताल तक ले जाने के लिए परेशानी होती है जो जैसा भी रास्ता था वह भी वन विभाग ने बंद कर दिया है।
राम सिंह, ग्राम करहौं निवासी
Created On :   20 Aug 2025 11:41 AM IST